कोलार सहित पूरे एमपी में वर्ष 2000 से पहले यानी 31 दिसंबर 1999 तक सरकारी जमीन पर काबिज लोगों को जल्द ही मालिकाना हक मिलेगा। भू-राजस्व संहिता की धारा 162 के तहत सरकार ने नियम तैयार कर लिए हैं। आवासीय क्षेत्रों में कब्जाधारकों को एक हजार स्क्वायर फीट की जमीन एक स्र्पए के प्रीमियम और 100 स्र्पए की वार्षिक लीज पर 30 साल के लिए पट्टा दिया जाएगा, वहीं खेती की जमीन के मालिकाना हक के लिए कब्जाधारियों को बाजार मूल्य का दो प्रतिशत चुकाना होगा।
अब इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने रखा जाएगा। उनकी अनुमति के बाद इसे कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। राजस्व विभाग के अफसरों के मुताबिक दिसंबर महीने में ये नियम कैबिनेट में रखे जाएंगे, यहां से हरी झंडी मिलने पर इसके बाद नियम लागू हो जाएंगे।
इस नियम के लागू होने के बाद भोपाल के बैरागढ़, ईदगाह हिल्स में मर्जर एग्रीमेंट वाले क्षेत्र, गोमती नगर सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में कृषि और आवासीय क्षेत्रों की जमीन पर लोगों को मालिकाना हक मिलेगा।
इन नियमों के तहत 5 हेक्टेयर से कम कब्जे वाली जमीन पर कब्जाधारियों को मालिकाना हक नहीं मिलेगा। यह सीमा आवासीय व अन्य गैर कृषि प्रयोजनों वाली भूमि के लिए है। वहीं खेती की जमीन में न्यूनतम सामूहिक कब्जा 50 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है।
आवासीय जमीन के लिए इतना देना होगा प्रीमियम
हजार वर्ग फीट तक की जमीन पर 1 स्र्पए प्रीमियम और वार्षिक लीज 100 स्र्पए ,हजार वर्ग फीट के भूखंड पर जमीन के बाजार मूल्य का 1 प्रतिशत प्रीमियम और प्रीमियम का 5 प्रतिशत वार्षिक लीज ,2 हजार से 5 हजार वर्ग फीट की जमीन के बाजार मूल्य का 2 प्रतिशत प्रीमियम और प्रीमियम का 5 प्रतिशत वार्षिक लीज ,5 हजार वर्ग फीट से ज्यादा जमीन पर बाजार मूल्य का 3 प्रतिशत प्रीमियम और प्रीमियम का 5 प्रतिशत वार्षिक लीज
आवासीय क्षेत्र से भिन्न् गैर कृषि भूमि पर इतना प्रीमियम
500 वर्ग फीट की जमीन पर 1 हजार स्र्पए प्रीमियम और 1 हजार स्र्पए वार्षिक लीज , 2 हजार वर्ग फीट की जमीन के लिए बाजार मूल्य का 3 प्रतिशत और प्रीमियम का 7.5 प्रतिशत वार्षिक लीज , 2 से 5 हजार वर्ग फीट की जमीन के लिए बाजार मूल्य का 5 प्रतिशत और प्रीमियम का 7.5 प्रतिशत वार्षिक लीज , 5 हजार से ज्यादा की जमीन पर बाजार मूल्य के 10 प्रीमियम के साथ प्रीमियम का 7.5 प्रतिशत वार्षिक लीज
इस मामले पर प्रमुख सचिव राजस्व अरुण पांडेय का कहना है -नियम तैयार हैं। मुख्यमंत्री के सामने प्रजेंटेशन होना है। अगले महीने कैबिनेट में यह प्रस्ताव आ सकता है।