Advertisement
बच्चों में जन्मजात विकृति, बीमारी और उनके विकासात्मक विलम्ब को चिन्हित करने के लिये 'चेतना' नाम का विशेष एप बनाया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के बाल सुरक्षा कार्यक्रम में बनने वाले इस एप में 4 डी-डिफेक्ट बर्थ, डिज़ीज़, डेफिशिएंसी और डेव्हलपमेंटल डिले की बच्चों में स्क्रीनिंग की जायेगी। चेतना का फुल फार्म है चाइल्ड हेल्थ, एक्जामिनेशन, ट्रीटमेंट, नोटिफिकेशन और एप्लीकेशन।
स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह अगले सप्ताह प्रदेश में इस एप का शुभारंभ करेंगे। पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के चार जिले भोपाल, होशंगाबाद, बड़वानी और रीवा में प्रारंभ किया जा रहा है। बाद में इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जायेगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में आज एप से संबंधित कार्यशाला की गयी। मिशन संचालक श्री व्ही. किरण गोपाल ने बताया कि प्रस्तावित एप से कार्यक्रम को उत्कृष्ट एवं तकनीकी पद्धति से चलाने में मदद मिलेगी। कार्यशाला में पॉयलेट प्रोजेक्ट में शामिल जिलों के चिकित्सक, जिला समन्वयक ने भाग लिया।
Kolar News
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |