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लंगड़े आतंकी के चक्कर में मारे गए सिमी आतंकवादी
simi aatankvadi

रूट प्लान साथ लेकर चल रहे थे सिमी आतंकी 

भोपाल से भागे आठों सिमी आतंकवादियों को उनके लंगड़े साथी ने सुरक्षित जगह की बजाये सीधे ऊपर पहुंचवा दिया। इस मामले की जाँच कर रही पुलिस टीम को जो जानकारी मिली है उससे साफ़ होता है कि जेल की दीवार से कूदने के कारण एक आतंकवादी के पैर में क्रेक आ गया था इस कारण वो तेज नहीं भाग पाया और बाकि सभी की भी मौत का कारन बना। पुलिस को जानकारी मिली है कि भोपाल से भागने का एक फुलप्रूफ प्लान इनके पास था ,लेकिन ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था। 

केंद्रीय जेल से फरार होने वाले आतंकियों के पास भागने का पूरा प्लॉन नक्शे के साथ मौजूद था। इसी कारण वे दो हाईवे व भोपाल-बैरसिया सड़क को क्रास कर गए, और पुलिस की सर्चिंग से बच रहे। क्योंकि यहां पर पुलिस पाइंट थे। यदि ये यहां से निकलते तो धरे जाते।  बताया जाता है कि वर्ष 2011 से पहले फरार हुए आतंकियों में से कुछ ने र्इंटखेड़ी क्षेत्र देख लिया था। आतंकी फरारी के लिए इस क्षेत्र को इसलिए भी चुना था कि संभवत: उनकी कोई मदद कर दे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। वहीं शार्ट पीएम रिपोर्ट में एक आतंकी के पैर में फैक्चर भी आया है। संभवत: सबसे पहले कूदने वाले आतंकी के पैर में फैक्चर होने के कारण उसे लेकर भागने में समय लग गया और आशंका है कि आतंकी अपने निर्धारित स्थान तक नहीं पहुंच सके। ऐसी स्थिति में उन्हें मनीखेड़ी की पहाड़ी में छिपने की योजना बनाई। जहां पर आतंकियों का एनकाउंटर किया गया है, वहां से करीब 400 मीटर दूर घनी झाड़ियों के मध्य एक बड़ी गुफा है, जिसमें कई लोग एक साथ छिप सकते हैं। पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियों को शक है कि कहीं ये आतंकी पुलिस की सर्चिंग से बचने के लिए गुफा का सहारा तो नहीं लेने वाले थे।

भोपाल पुलिस के साथ तमाम खुफिया एजेंसियां गांधी नगर जेल से एनकाउंटर स्थल के संभावित पैदल रास्ते की तलाश में 31 अक्टूबर से ही जुटी थी। बताया जाता है कि एजेंसियों को उस रूट प्लान का पता चल गया है, जिसका उपयोग आतंकियों ने किया है। एजेंसियों का मानना है कि आतंकियों ने केंद्रील जेल के सामने से हाईवे क्रास करने के बाद सूखीसेवनिया के पास मेन हाईवे को क्रास किया। इसके बाद गुनगा थाने से पहले हलाली नदी के किनारे से भोपाल-बैरसिया रूट को पार किया है। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि आतंकियों ने इस बीच कहां-कहां रुके हैं।

पुलिस अंदाजा लगा रही है कि ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण आतंकियों को आशा थी कि इस क्षेत्र में उन्हें ग्रामीणों से मदद मिल जाएगी, जिसके सहारे वे भोपाल जिले की सीमा को क्रास कर सकेंगे। लेकिन एक आतंकी के पैर में फैक्चर होने से उसे साथ लेकर पैदल चलने में समय अधिक लगने से आतंकी अपने निर्धारित ठिकाने तक नहीं पहुंच सके। ऐसे में दिन निकलने के बाद आरोपी छिपने के लिए मनीखेड़ी पहाड़ी पहुंचे थे। अल सुबह ही स्निफर डॉग जेल से सूखीसेवनिया की तरफ करीब डेढ़ किलोमीटर दूर तक गया था। नजीराबाद  पुलिस को गांव-गांव सर्चिंग में लगाया ।

Kolar News 5 November 2016

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