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भोपाल के साथ कोलार में भी सड़कों से लो-फ्लोर बसें गायब हैं और लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट को लेकर परेशान हो रहे हैं। बसों के आने-जाने का कोई समय तय नहीं है। आप लोग अपनी कार्यशैली सुधार लो या कार्रवाई के लिए तैयार हो जाओ। 1 दिसंबर तक हर हाल में 200 लो फ्लोर बसें ऑन रोड दिखाई देना चाहिए। अब इस मामले में और बहानेबाजी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
सख्त लहजे में यह ताकीद नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज ने बीसीएलएल अधिकारियों को दी। वे बीसीएलएल की समीक्षा बैठक ले रही थीं। कमिश्नर के तेवर देख बीसीएलएल अफसर बोले कि बसों को लेकर ज्यादातर इश्यू हल हो गए हैं। जल्द ही बसों की संख्या बढ़ा ली जाएगी। कमिश्नर ने अफसरों को फटकार लगाते हुए कहा कि सड़कों पर 70-80 बसें ही संचालित हो रहीं हैं। आप लोगों को 30 दिन का टारगेट देती हूं, 225 में से कम से कम 200 बसें सड़क पर उतर जाना चाहिए। उन्होंने दो टूक कहा कि यदि इस मामले में किसी ने भी लापरवाही की तो वह सजा भुगतने के लिए तैयार रहे। जिस दिन बैठक बुलाई जाती है बीसीएलएल के अधिकारी और कर्मचारी सिर्फ उसी दिन सक्रिय दिखते हैं। आप लोग यह रवैया बदल लें।
31 दिसंबर तक 30 मिडी बसों की पहली खेप पहुंच जाएगी। प्रक्रिया शुरू हो गई है। निगम को 100 मिडी बसें मिलना हैं। इनका संचालन शहर के अलग-अलग हिस्सों में किया जाएगा। इन बसों के लिए टेंडर पिछले महीने जारी किए गए थे। सभी बसें फरवरी तक शहर में आ जाएंगी।
बीआरटीएस के पांच स्टॉप पर 15 नवंबर से ऑटोमेटेड फेयर कलेक्शन सिस्टम की सुविधा शुरू हो जाएगी। इससे स्टॉप पर ही लोग मशीन से टिकट निकाल सकेंगे। गणेश मंदिर, हबीबगंज रेलवे स्टेशन सरगम टॉकीज और बोर्ड ऑफिस स्थित स्टॉप पर यह मशीनें लगेंगी।
अभी भी जारी है हस्तांतरण की प्रक्रिया : प्रसन्ना पर्पल लिमिटेड के द्वारा 150 बसों का संचालन बंद करने के बाद इन बसों के हस्तांतरण की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। करीब 100 बसों का ही हस्तांतरण ऑपरेटर दुर्गाम्बा और पद्मनाभ् को किया जा सका है। शेष 50 बसों के हस्तांतरण का मुद्दा भी बैठक में उठा। कमिश्नर ने बाकी लो-फ्लोर को भी एक-दो दिन में हस्तांतरित करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि इनमें से 35 बसें ऐसी हैं जिनकी मरम्मत संभंव नहीं है। इन बसों के स्थान पर ऑपरेटर दुर्गाम्बा नई बसों का संचालन करेगा।
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