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दो महीने से डेंगू कहर बरपा रहा है। अब मौसम बदलने के साथ स्वाइन फ्लू का खतरा भी पैदा हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों को 4 लाख टेमी फ्लू दवाइयां भिजवाई हैं, ताकि बीमारी फैलने पर दवाइयों का संकट पैदा न हो।पिछले दो सालों से भोपाल के अरेरा कॉलोनी ,कोलार रोड ,रायसेन रोड और पुराने भोपाल के कई इलाकों में स्वाइन फ्लू फैल रहा हैं।
पिछले वर्ष स्वाइन फ्लू से भोपाल में ही 752 मरीज पीड़ित हुए थे, इनमें से 78 मरीजों की मौत हो गई थी। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने यहां आईसोलेशन वार्ड बनाएं। सर्दी-जुकाम और बुखार के मरीज बढ़ने पर अलग से फ्लू ओपीडी संचालित करें।
विशेषज्ञों के अनुसार जब रात का तापमान 12 डिग्री और दिन का तापमान 28 डिग्री से कम होगा तब स्वाइन फ्लू का वायरस तेजी से सिर उठाएगा। अभी रात का तापमान 15 और दिन का 30 डिग्री से ज्यादा चल रहा है। रात में ठंड बढ़ने लगी है, जिससे लग रहा है कि आने वाले दिनों में तापमान में तेजी से गिरावट आएगी।
तापमान 15 डिग्री से नीचे आने पर डेंगू का खतरा कम हो जाएगा,लेकिन स्वाइन फ्लू के मामले बढ़ जाएंगे। डेंगू का मच्छर 15 डिग्री सेल्सियस टेम्परेचर से नीचे सर्वाइव नहीं कर पाता है। मच्छरों की संख्या कम हो जाने से डेंगू और मलेरिया से राहत मिल जाती है।
स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर डॉ.केएल साहू ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में 4 लाख टेमी फ्लू भेज दी हैं। जरूरत पड़ने पर मरीजों के सैम्पल लेकर उनकी जांच करवाई जाएगी। इसके लिए जिलों के सीएमएचओ को निर्देश दे दिए गए हैं।
यह करें उपाय 1, ठंड बढ़ने के बाद भीड़ भाड़ वाले इलाके में न जाएं। 2, मूंह पर कपड़ा बांधकर रखें। 3, सर्दी-जुकाम बुखार से पीड़ित मरीज का तौलिया इस्तेमाल न करें। 4, बच्चों को सर्दी-जुकाम बुखार हो तो स्कूल न भेजें। 5, बीमारी बढ़ने पर डॉक्टर को दिखाएं।
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