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नगर निगम के जोन 18 यानी कोलार के जोन कार्यालय से बीते दिनों ठेकेदारों के लाखों रुपए के डिमांड ड्रॉफ्ट (डीडी) गायब होने का मामला सामने आया है। ठेकेदारों ने ये डीडी कोलार जोन में निर्माण कार्यों के टेंडरों के संबंध में जमा कराए थे। उधर अधिकारियों का कहना है कि यह डीडी मिल गए हैं, लेकिन कैसे गायब हुए थे, कहां मिले हैं, अब यह कहां हैं यह बताने वाला कोई नहीं। इसलिए सवाल अभी भी खड़ा हुआ है। जोन 18 के सहायक यंत्री (सिविल) के कमरे से ये डीडी गायब हुए हैं। डीडी के गायब होने के पीछे का कारण अब तक साफ नहीं हुआ है। डीडी गायब होने के बाद पूरे कार्यालय में ढूंढने की कवायद की जा रही है।
नगर निगम का हर कर्मचारी अपनी-अपनी अलमारियों में इन्हें खोज रहा हैं, वहीं सूत्रों का कहना है कि डीडी गायब कराने के पीछे कोलार के एक ठेकेदार का हाथ हैं। इन्हें यहां पर काम नहीं मिल रहा है, इस कारण इन्होंने डीडी पर हाथ साफ करवा दिए हैं। बताया जा रहा है कि ये ठेकेदार भाजपा से जुड़े हैं और एक पार्षद और वरिष्ठ भाजपा नेता के खास माने जाते हैं।
डीडी गायब होने को लेकर कोलार जोन के सहायक यंत्री (एई) पर भी उंगलियां उठ रही हैं। सूत्रों के अनुसार जब-जब एई जोन कार्यालय बदलते हैं, कुछ न कुछ दस्तावेज जरूर गायब होते हैं। कुछ दिनों पहले कोलार जोन के एई एचएस बेदी थे। अब इनकी पदस्थापना दूसरे जोन में कर दी गई है। डीडी गायब होने के वक्त कोलार के एई बेदी ही थे। इसके पहले जब ये कोलार जोन में पहुंचे थे, तो पुराने जोन कार्यालय से भी दस्तावेज गायब हुए थे।
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