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60 दिन में बुझीं 62 लाख की स्ट्रीट लाइटें
kolar 60 दिन में बुझीं 62 लाख की स्ट्रीट लाइटें

 बत्ती गुल और करप्शन आया सामने 

कोलार रोड पर 60 लाख रुपए की लागत से स्ट्रीट लाइट लगाई गर्इं थीं। इन लाइटों ने महज दो माह में ही दम तोड़ दिया। इससे यहां रोडपर अंधेरा होने से रहवासियों और वाहन चालकों को काफी परेशानी हो रही है। इतने जल्दी समय में स्ट्रीट लाइट खराब होने से स्थानीय बीजेपी नेताओं ठेकेदारों और सप्लायर्स के गठजोड़ पर पर सवाल उठने लगे हैं।

कोलार रोड पर दोनों तरफ उजाला देने के लिए  नौ महीने पहले विधायक रामेश्वर शर्मा और महापौर आलोक शर्मा ने 62 लाख रुपए की राशि से सेंट्रल वर्ज में स्ट्रीट लाइट लगाने का भूमिपूजन किया था। दो महीने पहले जुलाई में सेंट्रल वर्ज में लगी इन स्ट्रीट लाइटों को खूब जोर-शोर से चालू किया गया। लेकिन दो महीने बाद यह एलईडी लाइटें कई स्थानों पर खुद ब खुद बंद हो गई हैं। ऐसे में अब 62 लाख रुपए की लागत से लगाई गई इन स्ट्रीट लाइटों को लेकर प्रश्न खड़े हो रहे हैं। रहवासियों ने भी इन स्ट्रीट लाइटों की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं, एलईडी लाइटें बंद होने से रात में कई स्थानों पर अंधेरा छाया रहता है। अंधेरे के कारण रोजाना छोटे-छोटे एक्सीडेंट हो रहे हैं। यदि समय पर इन लाइटों को चालू नहीं किया गया तो बड़ा एक्सीडेंट भी हो सकता है। वहीं छोटे वाहन चालकों को भी काफी परेशानी का सामना कर पड़ रहा है। इसको लेकर नेताओं पर भी आरोप-प्रत्यारोप लगने लगे हैं। कोलार के रहवासियों ने भी स्ट्रीट लाइन मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।

कोलार के स्थानीय नेताओं और खासकर पार्षदों पर दो महीने के अंदर ही एलईडी स्ट्रीट लाइटें बंद होने के कारण आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में भाजपा नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। वे मजे से कोलार को कह रहे हैं ‘चार दिन की चांदनी, फिर अंधेरी रात’ का दीदार हो रहा है। कम गुणवत्ता वाली इन स्ट्रीट लाइटों को ठेकेदार ने लगाई होंगी, जो इतने कम समय में बंद हो गई हैं।

मंदाकिनी तिराहे के पास लगी लाइटें ,महाबली नाले के पास की लाइट,बीमाकुंज के पास,आशीर्वाद-गुड शेफर्ड के मोड़ पर,अकबरपुर थाने के पास,ललिता नगर नहर के पास की स्ट्रीट लाइटें बंद हो गई हैं। 

सवा साल पहले स्थानीय विधायक रामेश्वर शर्मा और महापौर आलोक शर्मा  के आपसी सहयोग से कोलारवासियों को कोलार मुख्य मार्ग में एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाने का निर्णय लिया था। नगर निगम प्रशासन ने अपने बजट से यह काम किया। लेकिन अब रखरखाव नहीं होने के कारण और इतनी जल्दी लाइट बंद होने को लेकर दोनों नेताओं की छवि धूमिल हो रही है।

Kolar News 22 September 2016

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