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रातापानी के आसपास नहीं होगा खनन
ratapani abhyaran

नेशनल ग्रीन टिब्यूनल ने राज्य सरकार की कोलर के रातापानी सेंक्चुरी के अंदर और बाहरी सीमा पर मौजूद खदानों और क्रेशर्स के संचालन पर लगी रोक हटाने की मांग को खारिज कर दिया है। ग्रीन ट्रिब्युनल ने शुक्रवार को इस केस की सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि ईको सेंसेटिव जोन में ग्रीन ट्रिब्युनल की प्रिसिंपल बैंच ने रोक लगा रखी है। भोपाल की खदानें और क्रेशर्स भी इस आदेश के दायरे में आती हैं। प्रिंसिपल बैंच ने स्पष्ट किया है कि ईको सेंसेटिव जोन में बिना पर्यावरणीय मंजूरी और वाइल्ड लाइफ अथॉरिटी की मंजूरी के बिना कोई खनन और क्रशिंग कारोबार नहीं किया जा सकता।

हालांकि केंद्रीय वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ) ने इस संबंध में शुक्रवार को अपना जवाब पेश नहीं किया। ट्रिब्यूनल ने पिछली सुनवाई के दौरान 10 अगस्त को केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पूछा था कि क्या रातापानी सेंक्चुरी के अंदर और बाहरी बफर जोन में खनन और क्रशिंग की अनुमति दी जा सकती है। गौरतलब है कि रातपानी सेंक्चुरी के अंदर और बाहरी सीमा पर कुल 86 खदान और क्रशिंग यूनिट हैं। लेकिन एनवायरोमेंट क्लियरेंस नहीं होने के कारण फिलहाल इनका संचालन बंद हैं। ट्रिब्यूनल ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 3 नवंबर तय कर दी है।

 

Kolar News 17 September 2016

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