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पुलिस बनी रही मूक दर्शक
शैफाली गुप्ता
हुजूर से बीजेपी विधायक और मध्यप्रदेश बीजेपी के उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा जो कर दें वो कम है। अधिकारी को धमकाने के इनके ऑडियो वाइरल हुए। व्यापारी इनके नाम से भागते हैं। वहीँ अब ये सड़क पर सरेआम कानून तोड़ते नजर आये।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर विधायक रामेश्वर शर्मा के चेलों ने कोलार इलाके में दो बाइक रैली के आयोजन किये। विधायक शर्मा ने के चेले बीजेपी पार्षद भूपेंद्र माली के शागिर्द राज शर्मा ने कोलार के ललितानगर से सर्वधर्म पुल तक बाइक रैली निकाली तो विधायक के दूसरे चेले श्याम मीणा के ख़ास रिजवान के जरिये ललित नगर से बैरागढ़ तक बाइक रैली निकली गई । जिसमे विधायक रामेश्वर शर्मा और उनकी पूरी फ़ौज कानून का मजाक बनाती नजर आयी। इन रैलियों में विधायक रामेश्वर शर्मा ने बाइक तो जम के दौड़ाई लेकिन अपनी सुरक्षा के लिए हेलमेट लगाना मुनासिब नहीं समझा।
इस पूरे वाकये के समय पुलिस भी रैली के साथ रही लेकिन पुलिस अधिकारियों में इतना साहस नहीं था कि वो विधायक शर्मा से हेलमेट लगाने का अनुरोध कर सकें या कानून का पालन करने की बात कह सकें। कोलार इलाके के समाज सेवी जयंत शर्मा ने जब पुलिस वालों से विधायक को कानून याद दिलाने की बात कही तो पुलिस अफसरों का कहना था कौन विधायक जी से आ बैल मुझे मार करे।
वार्ड 82 के एक युवा मोर्चा कार्यकर्ता ने एमएलए तक हेलमेट ले जाने की कोशिश की तो पार्षद ने यह कह कर उसे रोक दिया कि साहब के बाल ख़राब हो जायेंगे और फोटो में उनका चेहरा भी नजर नहीं आएगा। सूत्र बताते हैं कि विधायक शर्मा खुद ही हेलमेट लगाना नहीं चाहते थे। जब कि उनके करीबी श्याम मीना का कहना है हमने हेलमेट खूब ढूंढे लेकिन कहीं मिले ही नहीं। इससे जाहिर है विधायक और उनके समर्थकों की देश और मध्यप्रदेश के कानून में कोई आस्था और विशवास नहीं हैं।
कोलार पर निकली दोनों बाइक रैलियों के लिए क्या पुलिस और dm से इजाजत ली गई थी और विधायक शर्मा ने क्यों तोडा कानून इसका जवाब न विधायक रामेश्वर शर्मा के मीडिया प्रभारी शुभम पाठक दे पाए और न इन रैलियों के आयोजक।
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