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कलियासोत डेम के सभी गेट खोलना पड़े तो क्या होगा ?
kaliyasot dem

 

 

भोपाल में दो दिन बाद फिर तेज बारिश की आशंका है अगर फिर भदभदा और कलियासोत डेम के सारे गेट खोलना पड़ गए तो कोलार इलाके का क्या होगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है। नेताओं ,बिल्डरों और अफसरों के एक नापाक गिरोह कलियासोत के किनारे बसे लोगों की जान के साथ खिलवाड़ क्र रहा है।  शहर में लगातार हो रही बारिश से रविवार को कलियासोत डेम के 8 गेट खुल गए। इससे कलियासोत नदी का जल स्तर बढ़ गया और उसके किनारे कोलार दामखेड़ा ए और बी सेक्टर में 150 झुग्गियों में पानी भर गया। घर खाली करने के अनाउंसमेंट सुनकर घबराए लोग सामान उठाकर झुग्गियों निकलने लगे।

 

महिलाएं बच्चों के लेकर भागी। इस बीच कुछ समाज सेवियों जिला व नगर निगम प्रशासन के बचाव दल ने 200 से ज्यादा लोगों को झुग्गियों से सुरक्षित बाहर निकाला। उन्हें खाली कराए स्कूलों में शिफ्ट किया गया। अगर नदी के दायरे में आ रहे घरों को प्रशासन बारिश से पहले शिफ्ट कर देता तो इतनी परेशानी नहीं उठानी पड़ती।

झुग्गियों में रहने वाले पांच बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। बारिश से झुग्गियों पानी टपकने व भरने से रात भर लोग सो नहीं पाए। बच्चों की हालात देख बचाव दल ने 108 बुलाई, तब जाकर बच्चों को प्राथमिक इलाज दिया गया। कलियासोत नदी में बढ़ते पानी को देखते हुए कुछ लोग झुग्गियों के ऊपर चढ़ गए। झुग्गियों में कमर तक पानी भरने से लोगों का सामान खराब हो गया। बचा सामान लोगों ने ऊपर चढ़कर निकाला।

 

दामखेड़ा झुग्गियों में पानी भरने से बेघर हुए लोगों का हाल जानने एडीएम दिशा नागवंशी, क्षेत्रीय विधायक रामेश्वर शर्मा, एमआईसी सदस्य भूपेंद्र माली समेत प्रशासन के अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। 2006 व 2013 वाली बाढ़ जैसी स्थिति बन चुकी है। बावजूद इसके प्रशासन व क्षेत्रीय विधायक कलियसोत नदी के आसपास बसी झुग्गियों में रहने वाले लोगों की स्थाई व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं। सर्वधर्म ब्रिज से कलियासोत नदी के बढ़े जलस्तर को देखने पुल पर लोगों की भीड़ लग गई। युवक-युवतियां सेल्फी लेते रहे, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से यहां पुलिस का कोई जवान नहीं दिखा।

 

11 गेट खुले तो डूब जाएंगी सभी झुग्गियां

दामखेड़ा ए व बी सेक्टर में करीब एक हजार झुग्गियां हैं। अभी 7 गेट खुलने से कलियासोत किनारे की झुग्गियां डूब गई हैं। यदि लगातार बारिश होती रही और एक साथ 11 गेट खुलने की नौबत आई तो सभी झुग्गियां डूब सकती हैं। साथ ही नदी किनारे सर्वधर्म, सागर प्रीमियम, शिरडीपुरम, सलैया, बांसखेड़ी, सनखेड़ी आदि कॉलोनियों में पानी भर सकता है। इसे देखते हुए अभी प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किए हैं।

 

स्थानीय निवासी संपत बाई और संगीत मालवीय ने कहा प्रशासन  ने कोई स्थाई व्यवस्था नहीं की है। हर बार जलभराव होने से बेघर हो जाते हैं। जिम्मेदारों आते हैं हाल जानकर चले जाते हैं, लेकिन स्थाई व्यवस्था नहीं करते। जया खरे ने बताया घर में कमर तक पानी भर गया। निकलकर जान बचाई। जब भी कलियासोत डेम के गेट खुलते हैं हमारी झुग्गियों में पानी भर जाता है।

 

कोलार फायर अमले के प्रभारी पंकज खरे ने बताया शनिवार-रविवार से कलियासोत नदी किनारे दामखेड़ा ए व बी सेक्टर की झुग्गियों में रह रहे लोगों को निकालने का काम किया गया। लाइव जैकेट, ट्यूब समेत अन्य बचाव सामग्री के साथ पूरा बचाव अमला मौजूद रहा। डेम के गेट खुलने से कलियासोत नदी किनारे बनी झुग्गियों में पानी भर गया। जिला व नगर निगम की टीम दामखेड़ा में डटी रही। झुग्गियों में रहने वाले लोगों को बाहर निकलवाया।

 

Kolar News 9 August 2016

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