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कलियासोत के 11 गेट खुले तो होगी आफत
kaliyasot dem

 

नदी किनारे बनी कॉलोनियां में अलर्ट 

 

राजधानी में हो रही जोरदार बारिश से बड़ा तालाब लबालब हो चुका है। बुधवार सुबह 9 बजे भदभदा का एक गेट खोल दिया गया। इसके बाद सुबह 9.30 बजे कलियासोत डेम का एक गेट खोला गया। फिर 11.15 बजे कलियासोत डेम का दूसरा गेट भी खोल दिया गया। कलियासोत नदी में जल स्तर बढ़ने से ऐहतियात के तौर पर कोलार की निचली बस्तियों में नगर निगम ने अलर्ट जारी किया। दामखेड़ा ए और बी सेक्टर में नदी किनारे बनी दो दर्जन झुग्गियों से लोगों ने खुद ही सामान निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पनाह ले ली। निगम अफसरों ने बताया कि यदि ज्यादा बारिश हुई तो रात को ज्यादा गेट खोले जा सकते हैं। कलियासोत नदी के किनारे बनी करीब एक दर्जन कॉलोनियों के लोग चिंतित हैं। चिंता इस बात की है यदि भारी बारिश हुई तो कलियासोत के सभी 11 गेट खुल सकते हैं। इससे दामखेड़ा ए, बी सेक्टर सहित, मंदाकिनी, शिरडीपुरम सहित बांसखेड़ी, सनखेड़ी, सलैया, हिनौतिया आलम में जल भराव की आशंका है।

 

एनजीटी ने नदी के 33 मीटर दूर तक अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। नदी के ग्रीन बेल्ट का सीमांकन कराने, मुनारें लगाने को कहा था, लेकिन नदी के ग्रीन बेल्ट के दायरे में आने वाले मकान अभी भी हैं। ऐसे में यदि 11 गेट खुलते हैं तो जल भराव की आशंका है।

 

साल 2004 में प्रशासन ने संजय नगर की करीब 150 झुग्गियों को दामखेड़ा बी सेक्टर में विस्थापित किया था। अब अतिक्रमण के कारण कलियासोत नदी के जलभराव वाले क्षेत्र में अतिक्रमण होने से 300 से ज्यादा झुग्गियां तन गईं। दाखेड़ा ए सेक्टर में हजार के करीब झुग्गियां हैं। जिनमें कई ऐसी हैं, जो कलियासोत के जलभराव में आती हैं।

 

कोलार का दामखेड़ा ए और बी सेक्टर बुधवार सुबह 9 बजे हैं। नगर निगम प्रशासन के फायर बिग्रेड अमले के कर्मचारी कलियासोत नदी से सटी झुग्गियों में रहने वाले लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट होने का एनाउंसमेंट कर रहे हैं। कलियासोत नदी में जल स्तर बढ़ने का एनाउंसमेंट सुन हड़कंप मच गया। अपने आशियाने डूबने के डर से लोगों के चेहरे पर घबराहट साफ दिख रही थी। बाढ़ से बचने सुबह 10 बजे से लोग खुद ही सामान दूसरी जगह रखवाने लगे। लोगों को हटाने के लिए मौके पर जिला व नगर निगम प्रशासन का कोई बड़ा अधिकारी नहीं पहुंचा। कोलार का फायर बिग्रेड के प्रभारी पंकज खरे व अन्य कर्मचारी एनाउंसमेंट करते रहे। जिला प्रशासन की तरफ से पटवारी अमित दीक्षित मौजूद रहे। दोपहर डेढ़ बजे जोन-18 प्रभारी शैलेंद्र चौहान पहुंचे।

 

कोलार फायर अमले के प्रभारी पंकज खरे कहते हैं  डेम के गेट खुलने से कलियासोत नदी में पानी बढ़ जाता है। दोनों जगह एनाउंसमेंट किया है। लोगों ने खुद ही सामान निकालकर दूसरी जगह रख लिया। लोगों को ठहराने के लिए दो स्कूलों में व्यवस्था की गई है।

 

Kolar News 4 August 2016

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