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महापौर ने खड़े होकर करवाई कार्यवाही
'मैं आपका सेवक हूं, जनहित के लिए ही नाले के अतिक्रमण हटवा रहा हूं। जमीन आपकी है, लेकिन नाले पर निगम का अधिकार है। निगम के इंजीनियर नाले की जांच करेंगे और यदि अतिक्रमण है, तो हटाएंगे। नाले पर किसी तरह का अतिक्रमण बर्दास्त नहीं होगा।' यह समझाइश महापौर आलोक शर्मा नाले को कवर्ड कर किचन गार्डन बनाने वाले मकान मालिक को दे रहे थे। गुरुवार को शिवाजी नगर में महापौर और निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज ने शिवाजी नगर इलाके में नालों के अतिक्रमण का निरीक्षण कर आधे घंटे के अंदर ही जेसीबी से नाले के कब्जे हटवा दिए।
दरअसल, शिवाजी नगर स्थित सी 2/ए निवासी बलदेव राज पासी ने बीडीए से 1988 में 5556 वर्गफीट का प्लॉट लिया था। उन्होंने बगल से गुजरने वाले साढ़े चार फीट चौड़े नाले को कवर्ड कर किचन गार्डन बना लिया। महापौर ने निरीक्षण के दौरान पासी सहित आसपास के लोग भी पहुंच गए। लोगों का कहना था कि यहां कोई अतिक्रमण नहीं है, बल्कि आगे जाकर नाले की चौड़ाई कम होने से जल भराव होता है। पासी का कहना था कि बीडीए ने उनके पजेशन में नाले को भी दर्शाया है, इसलिए नाले पर निर्माण करने का उन्हें अधिकार है।
आप लोगों को तो सहयोग करना चाहिए
लोगों के विरोध करने पर महापौर शर्मा ने उन्हें नाले के पास ले गए और बताया कि नाला कवर्ड होने पर इसकी सफाई कैसे होगी। उन्होंने कहा कि 8-9 जुलाई को जब बारिश हुई थी तब पूरे शहर में पानी भर गया था, लोगों का निकलना तक मुश्किल हो गया था। अब यदि इस समस्या को दूर करने के लिए हम प्रयास कर रहे हैं, तो आप लोगों का सहयोग मिलना चाहिए।
नाले पर तन गई बिल्डिंग, जांच के दिए आदेश
छह नंबर पर वर्ष 1990 में जहां गुमठी शिफ्ट करवाई गई थीं, वहां अब नाले के ऊपर बहुमंजिला इमारत तन गई है। महापौर ने निरीक्षण के बाद कमिश्नर भारद्वाज को जांच के आदेश दिए। बताया गया कि पूर्व में जगतपति समिति ने नालों के अतिक्रमण की जांच की थी। जिसकी रिपोर्ट और बिल्डिंग परमिशन से संबंधित दस्तावेज की जांच की जाएगी। इसके बाद इसे हटाने पर फैसला होगा।
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