पांच साल पहले मेनहर्ट कंपनी ने किया था सर्वे
शहर में बारिश के दौरान जलभराव की स्थिति न बने इसके लिए 30.57 करोड़ रुपए से बनी नाला चेनालाइजेश की रिपोर्ट की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद नाले बनाने की प्लानिंग होगी। शहर में बारिश के पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके चलते जलभराव की स्थिति निर्मित हो जाती है। शहर में 7 इलाके तो ऐसे हैं जहां थोड़ी सी तेज बारिश में ही पानी भर जाता है। मेनहर्ट कंपनी ने इसकी एक पूरी रिपोर्ट बनाई थी, लेकिन 5 साल से इस पर काम नहीं हुआ।
गौरतलब है कि वर्ष 2006 में अतिवर्ष के कारण पूरे शहर में जलभराव की स्थिति निर्मित हो गई थी। यह हालात इसलिए बने कि शहर में पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। इसको देखते हुए निगम ने पानी की उचित निकासी के लिए डीपीआर बनाने का काम मेसर्स मेनहर्ट को सौंपा था। मेनहर्ट ने वर्ष 2011 में यूएडीडी एसओआर के आधार पर पूरे शहर के नालों का चेनालाइजेशन और सरफेस ड्रेन के निर्माण के लिए योजना बनाकर निगम को सौंपी थी, जिसमें खर्च का आंकलन नेचुरल ड्रेन पर 518.92 करोड़ और रोड साइड ड्रेन पर 858.23 करोड़ रुपए बताया गया। योजना को 22 कैचमेंट में बांटा गया और 7 कैंचमेंट क्षेत्रों को अलग किया गया था, जिसमें अधिक जलभराव की स्थिति बनती है, लेकिन काम नहीं हुआ।
शहर में पानी भरने के बाद नालों की स्थिति की जिस तरह से सफाई के नाम पर औचारिकता पूरी की गयी थी उसको लेकर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज ने कड़ा स्टेंड लिया है। सफाई के समय अधिकारियों ने उनको भरोसा दिलाया था कि शहर में पानी भरने की स्थिति नहीं बनेगी, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हुआ ।
शहर के वार्र्डो में नालों के चेनालाइजेशन की कई योजनाएं बनीं, लेकिन कहीं अधूरी तो कहीं काम शुरू ही नहीं हुआ। ग्राम सलैया से शुरू होने वाला नाले ने कई स्थानों पर बारिश में सैलाब ला दिया था। इसी तरह से लहारपुर नाले का पानी वेतवा में जाने पर सैलाब के साथ वापस आता है। वहीं लक्ष्मी नगर नाले का चेनालाइजेशन करने के लिए एक बार मुख्यमंत्री और दो बार तत्कालनी नगरीय प्रशासन मंत्री ने बाबूलाल गौर ने भूमि पूजन किया था, लेकिन काम शुरू नहीं हो पाया।
ग्राम सलैया से शुरू होने वाला नाला, रेलवे लाइन हबीबगंज से होता हुआ बाबडिय़ा, सौम्या फारच्यून, एक्सल स्टेट, निर्मल एस्टेट, झरनेश्वर, 11 मील बायपास होता हुआ घुंसी नदी में पहुंचता है। इसके ओवरफ्लो होने से पानी कालोनियोें में भर जाता है। लहारपुर नाले का पानी भगवती नगर में भर जाता है। लक्ष्मी नगर नाले का पानी सतनामी नगर, अर्जुन नगर, रजत नगर व इंद्रपुरी एक्सटेंशन में भरता है। अयोध्या बायपास के नाले का पानी रिशी कल्प, अर्जुन नगर, सहित आसपास की बस्तियों में पानी भर जाता है। राधा कुंज नाले का पानी अवधपुरी की कई कॉलोनियों में भर जाता है। ऐशबाग नाले का पानी बाग उमराव दूल्हा, संतोषी माता का मंदिर वाली कालोनी आदि में भर जाता है।