366 करोड़ की सड़कों के बुरे हाल
शहर में हुई बारिश ने सड़कों की पोल खोल कर रख दी है। बारिश से पहले शहर में लगभग 366 करोड़ की सड़कें बनायी थी, लेकिन जोरदार बारिश के बाद उनका डामर गायब हो गया और उस पर बिछी डस्ट ने उसकी पोल खोल दी। कुछ इलाकों में गड्ढे भरे गए हैं तो कुछ में रेत डालकर डामर की परत बिछाकर करप्शन को छुपाने की कोशिश की जा रही है, पर गिट्टी के ढेर हकीकत बयां कर रहे हैं।
कोलार ,अयोध्या बायपास, पुलपुख्ता से अल्पना तिराहा, बस स्टैंड से पुतली घर, चेतक ब्रिज से आरआरएल तिराहे तक, जहांगीराबाद से लेकर काली मंदिर तक, पुलिस कंट्रोल रूम के सामने सहित अन्य सड़कों का नवीनीकरण किया गया था। इनमें डामर कम डाला गया।
रिपेयरिंग के लिए करोड़ों की जुगत: अब रिेपेयरिंग के लिए सभी संबंधित एजेंसियों द्वारा प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। एक बार फिर करोड़ों रुपए खर्च होंगे, लेकिन उन ठेकेदारों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई जिन्होंने घटिया सड़क का निर्माण किया था।
शहर में नगर निगम, सीपीए, बीडीए, पीडब्ल्यूडी सहित दर्जन भर एजेंसियां सड़कें बनाती हैं। कलेक्टर ने सभी निर्माण एजेंसियों से सड़कों की रिपोर्ट 24 घंटे में सौंपने के निर्देश दिए थे, लेकिन पीडब्ल्यूडी और स्टेट हाईवे को छोड़ किसी भी एजेंसी ने कलेक्टर के निर्देश का पालन नहीं किया। पीडब्ल्यूडी ने करीब 50 और स्टेट हाईवे ने लगभग एक दर्जन सड़कों की सूची कलेक्टर को सौंपी है, लेकिन नगर निगम और सीपीए की सूची नहीं आई है।