मूसलाधार बारिश। वैसे ही जैसे कि दस साल पहले हुई थी। वैसी ही तस्वीर भी। नाले उफान पर। कॉलोनियों में पानी इतना कि नावें चलीं। घर डूब गए। कारें बह गईं। फिर भी नगर निगम और जिला प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। वर्ष 2006 की बाढ़ के बाद फिर से ऐसे हालात न बने इसके लिए सबने सिर्फ बातें की। न तो निगम ड्रेनजे सिस्टम बना पाया और न ही जिला प्रशासन आपदा से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन सिस्टम। यही नहीं, इस साल तो नगर निगम नालों की सफाई तक नहीं कर सका। आखिर नतीजा शहर वासियों को भुगतना पड़ा।
कुछ घंटे की बारिश में शहर का जो बुरा हाल हुआ वह प्रशासनिक लापरवाही का सबसे बड़ा उदाहरण है ,प्रशासन ने 10 साल बाद भी नहीं लिया सबक।
1. शहर के नालों को चैनालाइजेशन में 30 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए, लेकिन समस्या जस की तस है।
2. 1100 करोड़ रुपए से शहर भर के नालों की डीपीआर बनाई गई, लेकिन बजट नहीं होने के कारण काम नहीं हुआ।
3. इस डीपीआर को अमृत में शामिल नहीं किया गया, जबकि इसके माध्यम से काम हो सकता था।
4. नालों से अवैध अतिक्रमण नहीं हट सका। सिर्फ कुछ जगह नालों की दीवार को ऊंचा कर दिया गया।
5. पिछले साल महापौर आलोक शर्मा और तत्कालीन निगम कमिश्नर द्वारका नगर का निरीक्षण किया था, लेकिन काम कुछ नहीं हुआ। इस बार फिर उसी कॉलोनी में जलभराव हुआ।
6. इस बार नालों और छोटे नालियों की सफाई पर ध्यान नहीं दिया गया।
ये निगम की उदासीनता है
जब 2006 में शहर के निचले इलाकों में जल भराव की समस्या हुई थी, उसके बाद मेरे कार्यकाल में नालों का चैनालाइजेशन किया गया था। नालों से अतिक्रमण भी हटाए गए थे, लेकिन प्री मानसून नालों का मेंटेनेंस और सफाई शून्य रही। निगम की उदासीनता के कारण जल भराव हुआ है। नरेला और कोलार का कुछ का इलाका लो टेंशन में आता है, यहां कुछ भी कर लें अगर इस तरह की भारी बारिश होती है तो क्षेत्र में जल भराव की समस्या होगी ही।
सुरेंद्र विहार के सामने की झुग्गियां डूबी, कटारा की कई कॉलोनियों में बिजली गुल
तेज बारिश और जल भराव के कारण बागमुगलिया, कटारा हिल्स, गायत्री विहार, आसाराम नगर, भेल संगम, रामेश्वरम एक्सटेंशन, अरविंद विहार सहित कई कॉलोनियों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई। वहीं कटारा हिल्स क्षेत्र की कई कॉलोनियों में देर रात से बिजली गुल रही। इन कॉलोनियों में कई जगह आधे दिन तक दूध, अखबार, सब्जियां भी उपलब्ध नहीं हो पाई। सुरेंद्र विहार के सामने की झुग्गियां बारिश में डूब गई। लोग अपनी-अपनी झुग्गियों से सामान निकाल रहे थे। कुछ सामान सहित कुछ झुग्गियां भी बह गई। सुबह 6ः30 बजे तक यहां कोई मदद नहीं पहुंची थी। इससे आगे रोड पर ही तालाब जैसी स्थिति निर्मित हो गई। दानिश नगर में नाले पर बाढ़ की स्थिति बनी रही जिससे लोग उस पार नहीं जा पा रहे थे। राष्ट्रीय संस्कृत संस्थानम् के सामने बाढ़ जैसी स्थिति बनी रही। दोनों ओर वाहन खड़े हो गए।
कोलार में रात 2:30 बजे से थम गई जिंदगी
दिन शनिवार बारिश चल रही थी कोलार की करीब पांच दर्जन कॉलोनियों के घरों में पानी भरा हुआ है। लोग घरों से पानी निकाल रहे हैं। सड़कें जलमग्न हैं। सीवेज चेंबर ओवर फ्लो होने से कॉलोनियों में बदबू आ रही है। लोगों से बात करने पर पता चला कि उनकी जिंदगी रात 2:30 बजे से थम गई थी। रात 1 बजे से तेज बारिश होने लगी। एक घंटे में घरों में पानी भर गया। लोग पूरी रात घरों से पानी ही निकालते रहे। लोगों का शनिवार को पूरा घरों से पानी निकालते हुए ही बीता। बच्चे स्कूल नहीं गए तो उन्होंने भी मम्मी-पापा के साथ घरों से पानी निकालते हुए दिखे। सड़कें जलमग्न थी। रोजाना की अपेक्षा कोलार मेन रोड पर ट्रैफिक का दबाव कम रहा। मूसलाधार बारिश ने लोगों की जिंदगी पर ब्रेक लगा दिया। बंजारी, राजहर्ष, राजवेद्य, ललिता नगर, फाइन एवेन्यु, ओम नगर, गणेश नगर, अब्बास नगर, सनखेड़ी, बांसखेड़ी, गेहूंखे.डा। प्रियंका नगर, मंदाकिनी, सर्वधर्म समेत पांच दर्जन के करीब कॉलोनियां जलमग्न हो गईं।अब तक यहाँ रहने वालों के हाल ख़राब है ,सामान की जो बर्बादी हुई उसे बनाने में फिर सालों लग जायेंगे।
रामेश्वर रहे रात से ही सक्रीय
रात 1 बजे से फ़ोन पर मिली सूचना के बाद विधायक रामेश्वर शर्मा ने नगर निगम , जिला प्रशासन के अधिकारी एवं कार्यकर्ताओ के साथ नागरिको की मदद के लिये मोर्चा संभाला । सकरे नालो की वजह से झरनेश्वर , निर्मल स्टेट , कौशल नगर, इंडस टाउन, हरी गंगा नगर , अनुज विलेज, नटराज होम्स सहित होशंगाबाद रोड स्थित अनेक कॉलोनियों में 3 से 4 फीट तक पानी भर गया । पानी की गति इतनी तीव्र थी की देखते ही देखते होशंगाबाद रोड से सटे छान, मक्सी, रापड़िया,बंग रसिया , दीपड़ी, टोला, बगरोदा ,सेमरी आदि गांव में 5 फिट तक पानी का भराव हो गया । विधायक शर्मा ने बताया कि ग्राम छान में एक ही परिवार के 8 लोग बाढ़ के तेज बहाव में फंस गए ,जिन्हें जिला प्रशासन एवं एस डी आर ऍफ़ की मदद से बचाया जा सका ।श्री शर्मा ने बताया कि पानी का बहाव इतना तीव्र था कि देखते ही देखते पानी उनके घर की छत को छूने लगा था । पूरा परिवार एक पेड़ पर चढ़ कर सहायता के लिये गुहार लगा रहा था ।उन्होंने बताया कि बढ़ते जल स्तर को देखते हुए कुछ देर अगर देरी की जाती तो शायद इस परिवार का बचना मुश्किल था । विधायक शर्मा की मुस्तेदी की वजह से इस परिवार की जान बच सकी । इसी प्रकार ग्राम छान , बंग रसिया , टोला समरधा सहित अनेक स्थानों पर इस प्रकार रेस्क्यू कार्य जारी रहा ।