जनता को नहीं मिल रही बुनियादी सुविधाएं
कोलार क्षेत्र की करीब 200 से अधिक कॉलोनियों का नगर निगम में हैंडओवर करने का मामला राशि के फेर में अटक गया है। वार्ड 80 में ही मात्र चार कॉलोनियां ननि के हैंडओवर हैं शेष 14 कॉलोनियां हैंडओवर होने का इंतजार कर रही है। बताया जा रहा है कि नगर पालिका के कार्यकाल के दौरान कोलार की करीब 22 कॉलोनियां हैंडओवर हुई थीं । उसके बाद से कोई भी कॉलोनी आज तक हैंडओवर नहीं हुई। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोलार की जनता को कितनी बुनियादी सुविधाएं निगम प्रशासन उपलब्ध करवा रहा होगा।
हालांकि कुछ समय पूर्व मोहल्ला और रहवासी समितियों ने कॉलोनियों को हैंडओवर करवाने के लिए प्रयास शुरू किए थे, लेकिन वह भी ठंडे पड़ गए हैं। कॉलोनी हैंडओवर करवाने के लिए समितियों ने कॉलोनाइजरों को पत्र लिखे थे, लेकिन वहां से पत्र का कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद समितियों के पदाधिकारी चुप बैठ गए।
ड्रीम होम्स ,क्वालिटी पैराडाइज ,सुमित्रा परिसर ,कान्हाकुंज, शालीमार गार्डन, शालीमार पार्क, मां पार्वती नगर, अमरनाथ, साईंनाथ नगर, महाबली नगर, मंदाकिनी कॉलोनी, शिर्डीपुरम, ललिता नगर क्वालिटी पैराडाइज, गिरधर परिसर, गिरधर गार्डन, सर्वजन कॉलोनी, बीमाकुंज आदि कॉलोनियों के नाम शामिल हैं। इनमें से कान्हाकुंज ऐसी कॉलोनी है। जिसे हैंडओवर कराने की प्रक्रिया बीते तीन साल से चल रही है।
रहवासियों कहना है कि निगम प्रशासन को कॉलोनी हैंडओवर करने के लिए कोई बीच का रास्ता निकलना चाहिए। जनता लाखों रुपए कहां से लाकर जमा करेगी। इसके लिए निगम प्रशासन को ऐसे बिल्डर और गृह निर्माण समितियों को आड़े हाथ लेने चाहिए, जिनकी वजह से कॉलोनी हैंडओवर नहीं हो पा रही है।
पार्षद पवन बोराना ने बताया बिल्डरों ने कॉलोनियों में अपेक्षित रूप से विकास नहीं कराया है, इसलिए जो काम रहे गए उस हिसाब शुल्क जमा करना होगा। इसलिए हैंडओवर में दिक्कतें आ रही हैं।