महिलाओं के सम्मान और उनके संरक्षण के लिए भोपाल में चल रहे ‘गौरवी-वन स्टॉप क्राइसिस रेसेल्युशन सेंटर’ में आई पीड़ित महिलाएं आत्मनिर्भर बनने वाली हैं। ये महिलाएं ‘गौरवी’ द्वारा शुरू की गई एक पहल ‘नई किरण’ के जरिए शहर की सड़कों पर आॅटो-रिक्शा दौड़ाते नजर आएंगी। कोलार इलाके में भी महिलाएं ऑटो चलती नजर आएंगी। आॅटो में अच्छी और ज्यादा सवारी मिले, इसके लिए उन्होंने खुद रूट मैप भी तैयार किया है। इससे वो हर माह में 10 से 15 हजार रुपए कमा सकेंगी।
एक्शन एड की रीजनल मैनेजर सारिका सिन्हा ने बताया कि छह माह में गौरवी की 350 से 400 महिलाएं अलग-अलग सेक्टर में काम करेंगी। महिलाओं के लएि रुचि अनुसार उनके काम तय किए हैं।
पीड़ित महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने आॅटो कंपनी ने 8 महिलाओं को आॅटो संचालन की फ्री ट्रेनिंग दी है। साथ ही उनको एक साल के लिए फ्री मैंटेनेंस भी प्रदान किया है। महिला बैंक ने वाहन लोन और आॅटो कंपनी व औद्योगिक विभाग की ओर से 50 हजार की राशी दी गई, ताकि ये जल्द ही काम में जुट जाएं।
भोपाल दौरे पर आए यूएस एंबेसेडर रिचर्ड आर वर्मा ने बुधवार को गौरवी सेंटर का विजिट किया। उन्होंने कहा कि गौरवी ने महिलाओं को एक अलग पहचान दिलाने का काम किया है। इस दौरान उन्होंने गौरवी में आई पीड़ित महिलाओं से चर्चा भी की।d