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कोरोना वैक्सीन सुरक्षित, सभी मिलकर इस महाभियान को बनाएं सफल : शिवराज
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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन आ गई है जो किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है। नागरिकों को क्रमानुसार इसका लाभ मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि अब हमें कोरोना महामारी का पूरी तरह समापन करना है। टीकाकरण के प्रथम चरण में करीब सवा चार लाख हेल्थ केयर वर्कर्स को टीका लगाया जाएगा, जिन्होंने हम सभी की जिन्दगी बचाने का कार्य किया है। यह बात मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को एनएचएम भवन के उद्घाटन के पश्चात कोविड-19 टीकाकरण के संबंध में कलेक्टर्स और कमिश्नर्स के साथ चर्चा करते हुए कही। 
 
मुख्‍यमंत्री ने कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्‍होंने आव्हान किया कि जिलों के प्रशासनिक अधिकारी, सभी धर्म गुरु, जनप्रतिनिधि, मीडिया इसके बारे में किसी भ्रामक जानकारी या अफवाहों को न पनपने दें और इस महाभियान को सभी मिलकर सफल बनाने में सहयोग दें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि 16 जनवरी को पहला टीका किसी सफाई कर्मचारी को लगाने का प्रयास है। यह सफाई कर्मियों की सेवाओं का सम्मान भी होगा जो कोरोना के संकटकाल में उन्होंने प्रदान की हैं। इस मौके पर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग मौजूद रहे। वीडियो कान्फ्रेंस में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस भी उपस्थित रहे।
 
दूरदर्शी प्रधानमंत्री मोदी बधाई के पात्र हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना से बचाव की वैक्सीन लगाने का कार्य 16 जनवरी को सुबह 9 बजे से प्रारंभ होगा। यह दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देता हूँ। वे दूरदर्शी हैं। उन्होंने पहले ही संकट को पहचान लिया था। प्रधानमंत्री ने तो कोरोना आते ही टास्क फोर्स बना दिया था। उन्होंने सभी व्यवस्थाएं कीं और लोगों को वायरस से बचाने का कार्य किया। 
 
महाभियान के विभिन्न चरण
चौहान ने बताया कि 16 जनवरी से प्रारंभ हो रहे अभियान के लिए जिलों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। केन्द्र सरकार द्वारा वैक्सीन की सेफ्टी की पुष्टि की गई है। प्रत्येक नागरिक को दो डोज लगेंगे। पहला डोज लगने के पश्चात इसे 28 दिन के पश्चात पुन: लगाया जाएगा। इसके 14 दिन पश्चात मानव शरीर में एंटी बॉडी का निर्माण होगा। टीका लगने के बाद तत्काल प्रभाव नहीं होता है। प्रदेश में जिलावार वैक्सीन का आवंटन किया गया है। शिकायत और सुझाव प्राप्त करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की गईं हैं। शासकीय अस्पतालों के साथ ही निजी अस्पतालों को भी वैक्सीन लगाने के लिए चिन्हित किया गया है।
 
जिन्होंने संकट के समय सेवा की, उन्हें सबसे पहले लगेगी वैक्सीन
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उन सभी वारियर्स को प्रणाम किया, जिन्होंने संकट के समय दूसरों की जान बचाने का कार्य किया और सेवा में संलग्न रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि टीकाकरण का प्रोटोकॉल तय किया गया है। वैक्सीन उन्हें ही पहले लगेगी जिनका क्रम है। इनमें फ्रंट लाइन वर्कर्स जैसे पुलिस कर्मी, राजस्व अमला भी शामिल है और उनका सबसे पहले सुरक्षित होना जरूरी भी है। टीकाकरण के लिए पंजीयन जिस क्रम में हुआ, टीके भी उसी क्रम में लगेंगे। इस महाभियान में पहले किसी को टीका लगाने के लिए सिफारिश करने के कार्य भी नहीं होंगे।
 
परीक्षण के बाद हुआ है वैक्सीन का चयन
प्रारंभ में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने वैक्सीनेशन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत में बनाई गई स्वदेश की वैक्सीन को देश-विदेश की उत्कृष्ट वैज्ञानिक संस्थाओं ने गहन परीक्षण और विश्लेषण के बाद स्वीकृत किया है। कई महीनों की मेहनत के बाद भारत में यह दो वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन स्वीकृत की गई हैं। अब दूसरे देशों से वैक्सीन इंपोर्ट करने की आवश्यकता नहीं है। प्रथम चरण में हेल्थ वर्कर्स, द्वितीय चरण में फ्रंट लाइन वर्कर्स का टीकाकरण होगा, तृतीय चरण में पचास वर्ष की आयु से अधिक सभी नागरिकों तथा ऐसे नागरिकों जो पचास वर्ष से कम आयु के हैं परन्तु मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्या से ग्रस्त हैं उनका टीकाकरण किया जाएगा। वर्तमान में कोविशील्ड के पांच लाख डोज प्रदेश को मिले हैं। अगले चार सप्ताह में 2.25 लाख हेल्थ केयर वर्कर्स को ये डोज लगाए जाएंगे।
 
नियंत्रण कक्ष का निरीक्षण
मुख्यमंत्री चौहान ने वीडियो कान्फ्रेंस के पश्चात एनएचएम भवन में कोविड वैक्सीनेशन महाभियान के संबंध में बनाए गए राज्य नियंत्रण कक्ष का निरीक्षण किया और कार्य पद्धति के संबंध में जानकारी प्राप्त की।
 
एनएचएम भवन का उद्घाटन
मुख्यमंत्री ने मुख्य मार्ग क्रमांक-3, पत्रकार कालोनी के पास, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के 27.42 करोड़ की लागत से निर्मित मुख्यालय भवन का उद्घाटन किया। बताया गया कि कोविड-19 के लिए वैक्सीनेशन निगरानी केन्द्र और कोविड-19 महामारी के राज्यस्तरीय नियंत्रण कक्ष का संचालन इसी भवन से होगा। भवन का कुल क्षेत्रफल 11 हजार वर्गमीटर से अधिक है इसमें एक सभाकक्ष, वीडियो कान्फ्रेंसिंग कक्ष, केंटीन, पुस्तकालय सहित अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए कक्षों की व्यवस्था है। नवनिर्मित भवन में तीन लिफ्ट के साथ ही रेन वाटर, हार्वेस्टिंग और अन्य आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है।


Kolar News 14 January 2021

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