तीर्थ-दर्शन योजना संचालन के लिये पृथक से नोडल अधिकारी होगा
यात्रा में राज्य शासन के प्रतिनिधि भी रहेंगे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि तीर्थ-दर्शन योजना में जाने वाली रेल यात्राओं में राज्य शासन के प्रतिनिधि भी जायेंगे। धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग की बैठक में बताया गया कि यात्रायें जारी हैं और अब तक एक लाख 80 हजार वरिष्ठ नागरिकों द्वारा तीर्थयात्राएँ की गई हैं। योजना के प्रारंभ से अभी तक 180 तीर्थ-दर्शन ट्रेन चलाई गयीं। श्री चौहान ने कहा कि तीर्थ-दर्शन योजना में उपलब्ध व्यवस्था का बेहतर संचालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने योजना संचालन के लिये पृथक से नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि तीर्थ-स्थल के देवस्थान के दर्शन की व्यवस्था रेल यात्रा से पूर्व सुनिश्चित की जाये। इस हेतु क्षेत्र के प्रशासन और मंदिर प्रबंधन के साथ अग्रिम संपर्क कर यात्रा का कार्यक्रम निर्धारित किया जाय। यात्रा के दौरान रात्रि विश्राम और निकटवर्ती दर्शनीय स्थलों के भ्रमण की व्यवस्था भी की जाय।मुख्यमंत्री ने कहा कि देवस्थान प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर हैं। इनके संरक्षण, संवर्द्धन के सभी जरूरी कार्य किये जाये। उन्होंने शासन द्वारा, पुजारी, धार्मिक न्यास अथवा अन्य द्वारा संधारित मंदिरों की जानकारी एकत्रित करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि आदिवासी गोंड समाज के बड़े देव मंदिरों को विकसित करने की योजना बनाकर कार्रवाई की जाय। इन मंदिरों में देव स्थान के साथ ही भजन-कीर्तन के लिये समुचित स्थान की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय। श्री चौहान ने रीवा जिले के गुढ़ में स्थित भैरवनाथ मंदिर और शबरी आश्रम का जीर्णोद्धार कर भव्य स्वरूप में विकसित करवाने के निर्देश दिये।बैठक में बताया गया कि तीर्थ-दर्शन योजना के प्रावधानों को और अधिक बेहतर बनाया गया है। प्रत्येक कोच में पेयजल उपलब्धता के साथ प्रति यात्री प्रतिदिन मिनरल वाटर उपलब्ध करवाने की व्यवस्था, उपवासी तीर्थ-यात्रियों को फलाहार तथा अन्य सभी यात्रियों को स्वास्थ्यप्रद भोजन उपलब्ध करवाया जाता है। बैठक में बताया गया कि सिंधी समाज के व्यक्तियों के लिये सिंधु दर्शन तीर्थ योजना तैयार की गई है।