कोलार में बनेंगी मोहल्ला समिति
सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने के प्रयास कोलार के हर मोहल्ले में समितियां बनाई जाएंगी । मोहल्ला समिति के तहत आने वाले आवेदनों को अब नगर पालिका को स्वीकार करना ही होगा। उनका नपा में पंजीयन कर उन्हें नियमानुसार मोहल्ला समिति की मान्यता भी देनी पड़ेगी। राज्य शासन ने कॉलोनी व मोहल्ले की देखरेख और विकास कार्यों में सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने को लेकर नगर पालिका क्षेत्र में मोहल्ला समिति बनाना अनिवार्य कर दिया है। हाल ही में कोलार नगर पालिका को इसके लिए आदेश जारी किए गए हैं। इसके बाद से नपा ने मोहल्ला समितियों के गठन व उनके पंजीयन कराने को लेकर कवायद शुरू कर दी है। उधर, वार्ड 16 स्थित वीर शिवाजी एकता मोहल्ला विकास समिति ने पंजीयन कराने के लिए सीएमओ को आवेदन दिया है। इसमें उन्होंने मोहल्ला समिति के लिए तय नियम-प्रक्रिया का पालन कर समिति का गठन किया है। समिति के अध्यक्ष सुनील पांडे का कहना है कि मोहल्ला समिति अपने क्षेत्र में एक चौकीदार की तरह काम करेगी। क्षेत्र की समस्याओं का नपा से निराकरण कराने के साथ ही कहां, क्या विकास कार्य होने हैं उसके लिए अपने सुझाव नपा को देगी। नियमानुसार नपा को भी उन सुझावों को मानना होगा। मंदाकिनी कॉलोनी व सुमित्रा परिसर ने भी मोहल्ला समिति का गठन कर पंजीयन के लिए आवेदन किया है। 2009 में केंद्र सरकार ने निकायों में सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाने के लिए निकाय स्तरों पर मोहल्ला समिति/ क्षेत्र सभा का गठन करने के दिशा निर्देश जारी किए थे। इसके बाद राज्य सरकार ने दो साल पहले मप्र नपा मोहल्ला समिति नियम 2011 बनाया है। 23 फरवरी 2011 को इसका गजट नोटिफिकेशन किया था। इसमें मोहल्ला समिति के गठन व कामकाज के संचालन को लेकर प्रावधान किया गया है।जहां कम से कम 100 परिवार हों, वहां मोहल्ला समिति का गठन किया जा सकता है। इसके लिए 100 परिवारों में से 51 प्रतिशत परिवारों को समिति की सदस्यता लेनी होती है। फिर एक साधारण सभा का आयोजन करना होता है। इसमें मोहल्ला समिति का नाम तय किया जाता है। समिति के सदस्यों की सूची तैयार की जाती है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि मोहल्ला समिति में 51 फीसदी लोगों की सहमति हो।