लापरवाह अफसरों के खिलाफ वारंट जारी
कलियासोत नदी पर अतिक्रमण का मामला बेतहाशा अवैध निर्माण और कब्जे से खत्म हो रही कोलार इलाके की कलियासोत नदी के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सख्त रूख अपना लिया है। ट्रिब्यूनल ने मामले की सुनवाई में पेश नहीं होने पर शुक्रवार को डिजॉस्टर मैनेजमेंट के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, टी एंड सीपी के डायरेक्टर और कोलार नगर पालिका के सीएमओ के खिलाफ वारंट जारी कर दिए। उल्लेखनीय है नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय इस मामले में सर्वे कराने और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की बात पहले ही कह चुके हैं।एनटीजी में जस्टिस यूडी सल्वी तथा विशेषज्ञ सदस्य पीएस राव की बेंच ने माना कि कलियासोत पर हो रहे निर्माण हादसे को न्योता दे रहे हैं। मामला गंभीर है, फिर भी पिछली सुनवाई में संबंधित अधिकारी हाजिर नहीं हुए। वारंट जारी होने के बाद अब इन अफसरों को 18 जुलाई की सुनवाई में हाजिर होना पड़ेगा।एनजीटी ने वारंट का कदम पर्यावरणविद डॉ. सुभाष पांडेय की याचिका पर उठाया। याचिका के मुताबिक ट्रिब्यूनल ने 27 मई को दिए आदेश में कहा था कि कलियासोत नदी तल तथा ग्रीन बेल्ट में हो रहे निर्माण को तत्काल रोका जाए और संबंधित अफसर मौका मुआयना करें, लेकिन किसी ने आदेश नहीं माना।वहां निर्माण और कब्जे का काम जारी है। पांडेय ने वहां की मौजूदा स्थिति की तस्वीरें भी पेश कीं और कहा कि ऎसे अफसरों पर बड़ा जुर्माना लगना चाहिए। तस्वीरें देख जस्टिर सल्वी ने नाराजगी जताई और कहा कि तस्वीरों से स्पष्ट है कि नदी किनारे 15 फीट से भी ज्यादा ऊंची दीवारें बनाकर नदी की राह में बाधा डाली जा रही है। ये गतिविधियां हादसे को आमंत्रण देने वाली हैं।नदी पर बने बांध के आपात जल निकासी गेट खुले तो लाखों लोगों की जान मुश्किल में पड़ सकती है। 2006 और 2013 में केवल दो गेट खुले थे, तब बाढ़ की स्थिति बन गई थी। सर्वधर्म समेत कई क्षेत्रों में पानी घुस गया था। 36 किमी के इस क्षेत्र में नदी के दोनों ओर एक दर्जन बस्तियां बस चुकी हैं।प्रशासनिक अनदेखी के कारण बिल्डर्स, कॉलोनाइजर और भू-माफिया अभी भी नदी तल और ग्रीन बेल्ट को खत्म कर उसमें पक्के निर्माण के जरिये बहुमंजिला इमारतें बनाने में जुटे हैं। सर्वधर्म से लेकर बावडिया कलॉ तक रसूखदारों का कब्जा है। एनजीटी में पेश तस्वीरों में सब कुछ स्पष्ट है। अवैध निर्माण और कब्जे की यह स्थिति बालाजी कंस्ट्रक्शन, आम्रवैली, आईबीडी ग्रुप और सिग्नेचर 99 ग्रुप सहित अनेक स्थानों पर देखी जा सकती है।