शक्तिशाली भारत के निर्माण में मध्यप्रदेश अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे
मुख्यमंत्री ने तिरंगा फहराकर परेड की सलामी ली मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गौरवशाली और शक्तिशाली भारत के निर्माण में मध्यप्रदेश अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे। यह संकल्प हर प्रदेशवासी लें और अपनी संपूर्ण क्षमता से अपने कर्त्तव्यों को पूरा करें। संपूर्ण, समृद्ध और विकसित मध्यप्रदेश के लिये अपने आप को समर्पित करें। सुशासन राज्य सरकार का लक्ष्य है। जन-सुविधाएँ ठीक ढंग से आम जनता तक पहुँचे और जनता की समस्याएँ दूर हों, इसके लिये सितंबर माह में मंथन आयोजित किया जायेगा। प्रदेश में पर्यटन विकास के लिये अभियान चलाया जायेगा। नर्मदा-क्षिप्रा-सिंहस्थ लिंक परियोजना के बाद अब नदी जोड़ो अभियान के तहत बेतवा और केन नदी को जोड़ा जायेगा। ग्रामवासियों की सलाह से प्रदेश के हर गाँव का रोड मेप विकसित किया जायेगा। श्री चौहान आज यहाँ राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में परेड की सलामी लेने के बाद प्रदेश के नागरिकों को संबोधित कर रहे थे।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश अब बीमारू के अभिशाप से मुक्त हो गया है। पिछले सात वर्ष में प्रदेश ने दहाई अंक की विकास दर हासिल की है। यह पड़ाव है मंजिल नहीं। उन्होंने आव्हान किया कि पानी की एक-एक बूँद बचायें। मध्यप्रदेश निवेश के लिये आदर्श राज्य के रूप में उभरा है। यहाँ बड़े उद्योगों के साथ लघु और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। विकास का प्रकाश आम आदमी तक पहुँचे, इसके लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। सभी धर्मों की अच्छी शिक्षा, नैतिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल की जायेगी। युवाओं की उच्च शिक्षा में कोई बाधा नहीं आये, इसके लिये उच्च शिक्षा ऋण कोष बनाया जायेगा। मध्यप्रदेश विकास के निर्णायक मोड़ पर है। उन्होंने नागरिकों से प्रदेश के विकास में नयी शक्ति और नये संकल्प के साथ जुटने का आव्हान किया। पिछले दस साल में मध्यप्रदेश में हुए विकास को आर्थिक विकास का शानदार दशक बताते हुए श्री चौहान ने कहा कि 11 प्रतिशत से अधिक आर्थिक विकास दर हासिल कर आज मध्यप्रदेश देश में सबसे तीव्र गति से प्रगति करने वाला राज्य बन गया है।श्री चौहान ने नागरिकों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए शहीदों का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी में युवाओं के प्रवेश के लिए सेना के सहयोग से उन्मुखीकरण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम हाथ में लिया जा रहा है। कॉलेजों और स्कूलों में सैन्य कैरियर के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के कार्यक्रम और योजनाएँ जनता से पूछकर, जनता के सामने, जनता के द्वारा बनाई गई हैं। समाज और सरकार की इस जुगलबन्दी का परिणाम अभूतपूर्व राजनीतिक स्थिरता के रूप में मिला है। उन्होंने कहा कि सुशासन, आर्थिक विकास की तेज रफ्तार और कमजोर वर्गों के विकास के लिए दृष्टि पत्र 2018 तैयार कर उस पर अमल किया जा रहा है।श्री चौहान ने कृषि क्षेत्र की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि किसानों की मेहनत और सरकार के कदमों से मध्यप्रदेश की कृषि को राष्ट्रीय अर्थ-व्यवस्था में गरिमापूर्ण दर्जा मिला है। जहाँ वर्ष 2004-05 में मात्र साढ़े सात लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का उपयोग किया जाता था वहाँ वर्ष 2013-14 में सत्ताईस लाख हेक्टेयर तक इसे बढ़ाया गया है। वर्ष 2018 तक चालीस लाख हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता निर्मित होगी। चौहान ने कहा कि ग्रामों में भी शहरों के समकक्ष अधोसंरचनाएँ बनाने की दिशा में काम करते हुए हर गाँव का मास्टर प्लान तैयार किया गया है। ग्रामीणों द्वारा बताये गये कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता पर किये जायेंगे। हजारों गाँव अब बारहमासी पक्की सड़कों से जुड़ चुके हैं। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में साढ़े पाँच हजार गाँव पक्की सड़कों से जुड़ गये हैं। ग्रामीण परिवहन सेवा शीघ्र ही आरंभ की जा रही है।मुख्यमंत्री ने महिलाओं के अधिकारों के लिये उठाये गये कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाने के लिये मुख्यमंत्री महिला सशक्तीकरण योजना लागू की गई है। माताओं और बहनों की समस्याओं को सुनने के लिए शीघ्र ही एक महिला पंचायत का आयोजन किया जाएगा। मध्यप्रदेश में सबसे पहले महिलाओं को स्थानीय निकायों के निर्वाचन में 50 प्रतिशत तथा शिक्षकों की भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। अब पुलिस की भर्ती में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण दिया जायेगा। प्रदेश के भविष्य को सुदृढ़ करने के लिए प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा का विस्तार, औपचारिक और अनौपचारिक क्षेत्रों में कौशल विकास तथा लाभकारी रोजगार देने के लिये सभी विकासखण्ड में कौशल विकास केन्द्रों की स्थापना की जा रही हैं। स्कूल शिक्षा में सुधार पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस वर्ष 100 नये हायर सेकेण्डरी स्कूल खोले जा रहे हैं।उच्च शिक्षा के क्षेत्र में किये गये नवाचारी प्रयासों की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि महाविद्यालयों में नये रोजगारमूलक पाठ्यक्रमों को संचालित करने का कार्य किया जा रहा है। आर्थिक दृष्टि से कमजोर छात्रों को उच्च शिक्षा से वंचित न रहना पड़े इसके लिये उच्च शिक्षा ऋण कोष का गठन किया गया है। शासकीय कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन दिये जाएंगे।पारदर्शी और उत्तरदायी शासन देने के लिए एक कदम आगे बढ़कर सी.एम. हेल्पलाइन 181 आरंभ की गई है। राज्य ई-मेल नीति लागू की गई है। सूचना प्रौद्योगिकी काडर की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम में सेवाओं की संख्या 47 से बढ़ाकर 101 कर दी गई हैं। डिजिटल हस्ताक्षरों वाले जाति प्रमाण-पत्र पहली कक्षा में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को देने का अभियान शुरू किया गया है। सिंहस्थ-2016 आयोजन के लिये सुविधाओं एवं आवश्यक अधोसंरचना के योजनाबद्ध विकास के लिये कार्य आरंभ कर दिया गया है।