भोज विश्वविद्यालय को नई सुरक्षा
आठ साल बाद भोज विश्वविद्यालय की सुरक्षा एजेंसी बदल गई है। हालांकि पुरानी कंपनी का दिसंबर 2012 में ठेका खत्म हो गया था। लेकिन लापरवाही के चलते विवि ने नई एजेंसी को ठेका नहीं दिया था। अब नई कंपनी की शर्तों के तहत कर्मचारियों को कम करने की तैयारी चल रही है।भोज विवि ने आईपीएस नामक निजी सुरक्षा एजेंसी को वर्ष 2006 में सुरक्षा का ठेका दिया था। इसके माध्यम से 90 कर्मचारियों की भर्ती की गई थी, जो अब 140 हो गए है। संबंधित कंपनी का दिसंबर 2012 में ठेका खत्म हो गया था। अब दो साल बाद नई एजेंसी केबीएस को ठेका दिया गया है। हालांकि इसका टेंडर दिसंबर में खुल गया था, लेकिन एग्रीमेंट अब हो पाया।विवि के मुताबिक सुरक्षा एजेंसी के माध्यम से जरूरत से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं। इसके चलते इनकी छटनी की जा रही है। इसके बाद 10 से 20 कर्मचारियों को हटाया जा सकता है।पुरानी सुरक्षा एजेंसी को भोज विवि बिना ऑडिट के भुगतान कर रहा था। ऑडिट ने इसका टेंडर समाप्त मानते हुए भुगतान से मना कर दिया था। इसके बावजूद विवि पुरानी कंपनी को हर महीने 12 लाख रुपए का भुगतान कर रहा था और अब जब नई कंपनी आ गई है, तो कर्मचारियों को हटाने की तैयारी शुरू हो गई है।भोज विवि के रजिस्ट्रार डॉ. बी भारती का कहना है अभी नई कंपनी के साथ एग्रीमेंट हुआ है। इसके चलते कर्मचारियों की छटनी भी की जा रही है।