न घास काटी जा रही न सुधरे झूले
देखरेख नहीं होने से सुमित्रा परिसर के पार्क की हो रही दुर्दशाकोलार में वार्ड 84 सुमित्रा परिसर के मंदिर के पास स्थित पार्क की अधूरी बाउंड्रीवॉल बनाई गई है। इस वजह से पार्क में मवेशी घुस जाते हैं। लोग कचरा डालने लगे हैं। कॉलोनी के 80 फीट रोड पर स्थित पार्क भी बदहाल हो रहा है। उसके आसपास दुकानें लगाकर अतिक्रमण हो गया है। वहीं वार्ड 82 स्थित मंदाकिनी कॉलोनी के दोनों पार्क बदहाल हैं। एक पार्क जो कभी गुलाब गार्डन के नाम से पहचाना जाता था, अब सूख रहे फूलों के लिए जाना जाने लगा है। इसका कारण है पार्कों का रखरखाव नहीं होना। न रहवासी समितियां रखरखाव कर रही हैं और न ही नगर निगम प्रशासन का ध्यान इस तरफ है। ऐसे में बच्चे, बुजुर्ग सभी परेशान हैं। उनको समझ नहीं आ रहा है कि अब कहां खेलने जाएं और कहां टहलने जाएं।दरअसल, कोलार का नगर निगम में विलय होने के बाद से ही पार्कों का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। उनके संरक्षण व विकास कराने की तो बात ही दूर है। इस वजह से पार्कों की स्थिति दिन ब दिन बिगड़ रही है। वर्तमान में कई पार्क तो ऐसे हो गए हैं, जिनका उपयोग ही नहीं हो पा रहा है। इसके लिए जिम्मेदार रहवासी समितियां और स्थानीय प्रशासन है। क्योंकि इन दोनों का काम है पार्कों की देखभाल करना।इन पार्कों के बुरे हाल कोलार के सुमित्रा परिसर, मंदाकिनी के साथ ही पॉश कॉलोनी दानिशकुंज, साईंनाथ नगर, फाइन एवेन्यु, सौरभ नगर, वरुण नगर, ललिता नगर, प्रियंका नगर, बंजारी डी-सेक्टर, क्वालिटी पेराडाइस, कस्टम, पार्क एवेन्यु, नर्मदा परिसर सहित अन्य कॉलोनी के पार्क भी बदहाल हैं।क्यों नहीं हो पा रहा पार्कों में सुधारकोलार की कॉलोनियों में स्थित पार्कों के विकास व संरक्षण के लिए समय-समय पर बातें तो बहुत बड़ी-बड़ी की गईं हैं, लेकिन काम कुछ नहीं हुआ है। चाहे नगर पालिका का कार्यकाल हो या नगर निगम का, अफसर हों या जनप्रतिनिधि सभी ने घोषणाएं कीं हैं और योजनाएं ही बनाईं हैं, उन पर कभी अमल नहीं हुआ है। यही वजह है कि पार्कों की दशा में सुधार नहीं हो पा रहा है। हालांकि वर्ष 2011-12 में नगर पालिका के कार्यकाल में कुछ पार्कों की फैंसिंग व झूले लगाए गए थे। मगर रखरखाव के अभाव में फैंसिंग और झूले टूट गए हैं। विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी चुनाव के पहले वार्ड 81, वार्ड 83 में पार्क विकसित करने के लिए भूमि पूजन किया है। उसका काम भी आचार संहिता के फेर में शुरू नहीं हो पाया है।इस संबंध में क्या कहते हैं जिम्मेदार कोलार के पांचों वार्ड के पार्षद अपने-अपने वार्ड के पार्कों की खराब को स्वीकार कर रहे हैं। पार्षदों का कहना है कि वे पार्क विकसित करने के लिए पहल जरूर करेंगे। वार्ड 82 के पार्षद भूपेंद्र माली और वार्ड 84 के पार्षद मंजीत मारन का कहना है कि पार्कों के विकास व रखरखाव के लिए स्थानीय रहवासी समितियों और मोहल्ला समितियों से मिलकर पार्क चिह्नित करेंगे। इसके बाद उनके विकास का प्रस्ताव नगर निगम के जोन कार्यालय में भेजेंगे। साथ ही समितियों के साथ मिलकर रखरखाव भी कराएंगे।