स्वाइन फ्लू बदले मौसम में ज्यादा रखें ध्यान
होली पर भी ऐहतियात जरुरी मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा ने आज मंत्रालय में प्रदेश में स्वाईन फ्लू नियंत्रण के प्रयासों की समीक्षा की। मध्यप्रदेश में रोग नियंत्रण के राजधानी से लेकर ग्राम स्तर पर किए गए प्रयासों और सतत समीक्षा से व्यवस्थाएँ बेहतर हुई हैं। अतिरिक्त रुप से सवा लाख टेमी फ्लू टेबलेट की व्यवस्था की गयी है, जो मार्च माह के अलावा अगले महीनों के लिए भी रहेगी। मुख्य सचिव ने हाल में प्रदेश में हुई बारिश और कम हुए तापमान के परिप्रेक्ष्य में स्वाईन फ्लू के नियंत्रण के प्रभावी प्रयास सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को प्रतिदिन डेंगू, मलेरिया और डायरिया की स्थिति की जानकारी लेने के भी निर्देश दिए हैं। बैठक में आने वाले होली पर्व के मद्देनजर सूखे रंग और गुलाल के प्रयोग पर बातचीत हुई। जिला, विकासखण्ड स्तर पर होली पर पानी के कम इस्तेमाल और भीड़-भाड़ से बचने का परामर्श समन्वय समिति ने दिया है। समिति ने नागरिकों को रोग से बचने व्यक्तिगत स्वच्छ्ता के पालन पर भी जोर दिया। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री प्रवीर कृष्ण ने जानकारी दी कि जनवरी माह से राज्य में लगभग 600 रोगी की जीवन रक्षा समय पर उपचार से हो सकी है। अभी भी स्वास्थ्य विभाग के प्रचार की मुख्य थीम रोगियों द्वारा सही समय पर अस्पताल पहुँचने पर केंद्रित है। जो रोगी प्रारंभिक लक्षण दिखने पर जल्द उपचार के लिए अस्पताल पहुँचे वे पूर्णत: स्वस्थ हुए हैं।इस बात का निरंतर प्रचार अभियान चलाया जा रहा है कि किसी भी व्यक्ति को साधारण सर्दी-जुकाम होने पर भी तत्काल पास के सरकारी अस्पताल में जाकर जाँच करवाना चाहिए। राज्य में आशा कार्यकर्ता सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता के साथ समन्वय स्थापित कर ग्राम-स्तर पर जन-शिक्षा का कार्य भी कर रही हैं। देश के कई राज्यों में रोग का वायरस विद्यमान हैं। इसलिए संक्रमण से बचने नागरिकों की जागरूकता महत्वपूर्ण है। राज्य में समन्वय समिति प्रतिदिन रोग नियंत्रण की समीक्षा कर रही है। राज्य स्तर की हेल्पलाइन के अलावा 51 जिले की हेल्पलाइन और आईडीएसपी के माध्यम से सूचना-प्रणाली कार्य कर रही है। सभी मुख्य चिकित्सक और स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन को अस्पताल में भ्रमण कर इंतजाम सुनिश्चित करने को कहा गया है। बैठक में प्रायवेट नर्सिंग होम्स एसोसियेशन के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।