कोलार का दुर्भाग्य टैक्स बढ़ा सुविधाएं नदारत
कोलार में नगर निगम ने अभी से प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ा तो दिया है, लेकिन सुविधाएं अब तक नहीं बढ़ाई हैं। रहवासी पानी, पार्किंग, खराब सड़क, सफाई का अभाव, सीवेज जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। उनकी रोजाना की समस्याओं का निराकरण तक नहीं हो रहा है, बल्कि नगर पालिका के कार्यकाल से भी बदतर स्थिति का सामना कर रहे हैं। वो भी तब जब वे शहर के किसी भी हिस्से से ज्यादा प्रॉपर्टी टैक्स जमा कर रहे हैं।जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष 2014-15 में कोलार जोन 15 (वर्तमान में 18 व 19) से करीब साढ़े आठ करोड़ रुपए प्रॉपर्टी टैक्स व अन्य करों की मद से जमा हुए हैं। इस राशि की बदौलत कोलार शहरभर में सबसे ज्यादा टैक्स जमा करने वाले इलाकों में तीसरे नंबर पर है। कोलार से आगे दो इलाके भेल और एमपी नगर हैं। भेल कारखाने की वजह से तो एमपी नगर शहर का कमर्शियल इलाका होने के चलते कोलार से आगे है। यानी शहर में किसी भी रिहायशी इलाके या निगम के जोन में करों से वसूली कोलार से ज्यादा नहीं है। गौरतलब है कि नगर पालिका के समय भी कोलार टैक्स जमा करने के मामले में प्रदेश में दूसरे नंबर की नगर पालिका थी। कोलार से आगे मंडीदीप नपा का नंबर था।इधर, कोलार में 50 फीसदी तक की गई टैक्स वृद्धि के विरोध में रहवासी समितियां व मोहल्ला समितियां एकजुट हो गईं हैं। वे बहुत जल्द महापौर आलोक शर्मा से मुलाकात कर टैक्स वृद्धि पर विरोध दर्ज कराने वाली हैं। साथ ही कोलार में विलय के समय किए गए वादों के अनुसार विकास कार्य नहीं होने तक नगर पालिका के समय पर लागू टैक्स को ही कायम रखने की मांग करने वाली हैं। इसके अलावा कॉलोनी हैंडओवर कराने के लिए निगम प्रशासन की तरफ से प्रयास करने की मांग करने वाली हैं। महापौर से होने वाली इस मुलाकात के लिए समितियों की बैठकें हो रही हैं।