स्वाईन फ्लू और डेंगू के उपचार और रोकथाम के प्रयास युद्ध-स्तर पर हो
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की समीक्षा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि स्वाईन फ्लू और डेंगू नियंत्रण के प्रयास युद्ध-स्तर पर हो। चौहान स्वाईन फ्लू, डेंगू की रोकथाम एवं उपचार प्रयासों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विनोद सेमवाल, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण गौरी सिंह मौजूद थे।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि डेंगू और स्वाईन फ्लू के उपचार एवं रोकथाम उपायों की दैनिक आधार पर समीक्षा की जाये। निजी अस्पतालों के साथ निरंतर तालमेल रखा जाये। उन्होंने कहा कि उपचार एवं औषधियों की उपलब्धता की नियमित मानीटरिंग हो। दवाएँ बच जायें किन्तु उनकी कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने रोगों की रोकथाम के प्रयासों में जन-जागृति के प्रयासों की निरंतरता बनाए रखने पर बल दिया। उन्होंने आवश्यक उपकरणों, लेबों और टेस्ट सामग्री के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने उपचार के संबंध में हो रहे नवीन अनुसंधानों और शोधों की भी अद्यतन जानकारियाँ रखने के निर्देश दिए।बताया गया कि प्रदेश के शासकीय चिकित्सालयों में फीवर ओ.पी.डी. का गठन किया गया है। जहाँ पर बुखार के रोगियों का परीक्षण किया जा रहा है। स्वाईन फ्लू की आंशका वाले रोगियों की तत्काल जाँच करवाई जाती है। स्वाईन फ्लू की जाँच के लिए आवश्यक किट और औषधियाँ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। टेमीफ्लू टेबलेट 1.5 लाख, एम.जी.एन 95, मास्क 7500, 2000 वी.टी.एम किट और 2000 पी.पी.ई. किट और शासकीय अस्पतालों के लिए 30 वेंटीलेटर अतिरिक्त खरीदे जा रहे हैं। डेंगू प्रभावित क्षेत्र शिवपुरी में लार्वा नष्ट करने का कार्य प्रभावी तरीके से हो रहा है। लार्वा उपलब्धता का प्रतिशत 40 से घटकर 10 हो गया है। राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार की चिकित्सा मार्गदर्शिका का प्रभावी अनुपालन किया जा रहा है। स्वाईन फ्लू के गंभीर रोगियों के उपचार कार्य के लिए संयुक्त चिकित्सा दल गठित किया गया है, जो शासकीय और अशासकीय अस्पतालों में भर्ती रोगियों के उपचार की निगरानी कर रहा है।