मध्यप्रदेश में जल स्तर गिरा
मुख्यमंत्री ने पेयजल व्यवस्था की समीक्षा मध्यप्रदेश के कई इलाकों में गर्मी शुरू होते ही जल स्तर तेजी से घटना शुरू हो गया है। बुंदेलखंड सहित मद्यप्रदेश का एक बड़ा हिस्सा सूखा पड़ा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में पेयजल संकट से निपटने की रणनीति बनायें। पेयजल समस्या के समाधान की युद्ध-स्तर पर व्यवस्था करें। प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गर्मियों में पेयजल सुचारू रूप से मिलता रहे यह सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री चौहान भोपाल पेयजल की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा भी उपस्थित थे।मुख्यमंत्री चौहान ने बैठक में प्रदेश में पेयजल उपलब्धता की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में जल स्तर गिरने से हेण्डपंप बन्द हो गये हैं, वहां राईजर पाप डालकर हेण्ड पंप चालू करवायें। सभी जिलों में पर्याप्त मात्रा में राईजर पाइप उपलब्ध रहें। ग्रामीण क्षेत्रों में नलजल योजनाएँ चलती रहें इसकी व्यवस्था करें। जहाँ जरूरत हो पेयजल परिवहन की व्यवस्था करें। पेयजल की स्थिति की लगातार मॉनीटरिंग की जाये। बिगड़े हेण्ड पंपों के सुधार की लगातार निगरानी की जाये।बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 33 जिलों में पेयजल परिरक्षण अधिनियम लागू कर दिया गया है। प्रदेश में स्थापित 5 लाख 16 हजार 57 हेण्ड पंप में से 4 लाख 93 हजार 260 हेण्ड पंप चालू हैं। जिलों में 2 लाख 13 हजार 926 मीटर राईजर पाइप उपलब्ध हैं। विभाग द्वारा ग्रामीण पेयजल निगरानी प्रणाली विकसित की है। बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त ए.पी. श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी अश्विनी राय, प्रमुख सचिव राजस्व के.के. सिंह, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन मलय श्रीवास्तव और मुख्यमंत्री के सचिव विवेक अग्रवाल उपस्थित थे।