खरगौन। मध्यप्रदेश के निमाड़ अंचल में पहली बार निमाड़ की किसी फसल को लेकर बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। यहां खरगौन जिले के कसरावद में दो दिवसीय मिर्च महोत्सव होगा, जिसका शनिवार, 29 मार्च को भव्य शुभारम्भ होगा। एक मार्च तक चलने वाले इस महोत्सव के माध्यम से निमाड़ की मिर्ची को अपनी स्वतंत्र पहचान दिलाई जाएगी।
सहायक जनसम्पर्क संचालक पुष्पेन्द्र वास्कले ने गुरुवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि क्षेत्र के किसानों को मिर्च फसल से अधिक मुनाफा दिलाने के उद्देश्य से निमाड़ चिली फेस्टिवल 2020 का आयोजन किया जा रहा है। इसके माध्यम से निमाड़ की मिर्च को देश में अलग पहचान मिलेगी।
उन्होंने बताया कि भारत के आंध्रप्रदेश में गुंटुर में स्थित मिर्च मंडी एशिया में नंबर-1 और खरगोन जिले के बैडिय़ा में स्थित मिर्च मंडी नंबर-2 पर मानी जाती है। गत वर्षों में गुंटुर व महाराष्ट्र के मिर्च व्यापारी आदिवासी बहुल्य क्षेत्र झिरन्या के पिछोडिय़ा, मारूगढ़, आमड़ी और मुंडिया गांव में किसानों की खाली भूमि किराए पर लेकर निमाड़ की मिर्ची खरीदते हैं और यहीं डंठल निकाल साफ-सफाई कर मिर्च की ग्रेडिंग कर पैकिंग की जाती है। पैकिंग करने के बाद दिल्ली व बाम्बे आदि शहरों में भेजी जाती है। यह मिर्ची इन शहरों में आंध्रप्रदेश की तेजा प्रजाति की पहचान के नाम से बेची जाती है।
उद्यानिकी उप संचालक केके गिरवाल ने बताया कि खरगोन जिले में मिर्च की कई प्रजातियां हमारे किसान लगाते हैं। तकनीकी तरीकों से खेती करने के बाद अच्छी फसल भी लेते हंै, लेकिन हमारे निमाड़ी मिर्ची को वह नाम नहीं मिल पाता है, जो मिलना चाहिए। चिली फेस्टिवल 2020 उस दिशा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस आयोजन से न सिर्फ किसानों को मिर्च की फसल से जुड़े पहलुओं से अवगत कराया जाएगा, बल्कि मिर्च की ब्रांडिंग, बाजार व्यवस्था, नवीन तकनीक और मिर्च की बीमारियों के बारे में भी वैज्ञानिकों द्वारा अवगत कराया जाएगा। साथ ही विभिन्न कंपनियों को यहां मिर्च की उत्पादकता व उपलब्धता बताते हुए फूड प्रोसेसिंग ईकाईयां स्थापित करने के लिए भी आमंत्रित किया जाएगा।