भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में सर्जरी करना शुरू कर दी है। बीते दिनों हुई स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे । हाल ही में फर्जी तरीके से सिरेजियन ऑपरेशन करने वाले नर्सिंग होम एवं अस्पतालों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने कार्यवाई के निर्देश दिए थे। अब मध्य प्रदेश सरकार उन डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने की तैयारी में है जो बॉन्ड की शर्तें पूरी किए बिना ही चले गए। ये वो डॉक्टर हैं जिन्होंने यहां के मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस और एसए की डिग्री तो ली लेकिन पढ़ाई के बाद न तो ग्रामीण इलाकों में सेवाएं दीं और न ही बॉन्ड की राशि जमा की।
सिर्फ 233 डॉक्टर्स ने पूरा किया बॉन्ड की शर्तों को
बता दें, सरकार ने ऐसे ही साढ़े चार हज़ार से ज़्यादा डॉक्टर्स को नोटिस भेजा था कुछ ने जवाब भेज दिया और कुछ ने बॉन्ड का पैसा जमा कर दिया। जिनका कोई जवाब नहीं आया ऐसे 406 डॉक्टरों का सरकार ने रजिस्ट्रेशन रद्द करने की तैयारी शुरू कर दी है। चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से 4589 डॉक्टर्स को नोटिस जारी किए गए थे। इनमें से 1848 डॉक्टर्स ने नोटिस के जवाब दिए जबकि 406 नोटिस वापस आ गए थे। नोटिस के बाद 651 डॉक्टर्स ने एनओसी जमा की। वहीं, 485 ने बॉन्ड की राशि जमा करवा दी। साढ़े चार हजार में से सिर्फ 233 डॉक्टर्स ऐसे निकले जिन्होंने बॉन्ड की शर्तों को पूरा किया है ।
दरअसल, चिकित्सा शिक्षा विभाग से इस तरह की जानकारी सामने आई थी कि 2002 के बाद प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों से पढ़ाई पूरी करने के बाद साढ़े चार हज़ार से ज्यादा डॉक्टर बॉन्ड के नियमों का पालन किए बिना ही गायब हो गए थे। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जब इन डॉक्टरों को नोटिस भेजने शुरू किए तो 406 ऐसे डॉक्टर निकले जो रिकॉर्ड में दर्ज पते पर नहीं मिले रहे हैं।