नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर लगाया ईमानदार अधिकारियों को हटाने और आरोपित अधिकारियों को संरक्षण देने का आरोप
भोपाल । मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को लेकर चल रही प्रशासनिक राजनीति के चलते प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले में उन्होंने कहा कि प्रदेश में अधिकारियों को कठपुतलियों की तरह नचाया जा रहा है, कमलनाथ सरकार ने अधिकारियों को कठपुतली बना दिया है। जैसा सरकार चाहती है, अगर वैसा अधिकारी करते है, तो वे पद पर बने रहेंगे, जो लोकतंत्र के लिए घातक है। उन्होंने प्रदेश के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का उल्लेख करते हुए कहा कि, वे ईमानदारी से काम करना चाहते हैं, तो उन्हें पद से हटाया जा रहा है, जबकि दोषी अधिकारी अपने पद पर बने हुए हैं।
भार्गव ने शनिवार को सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि मध्यप्रदेश में पूरी तरह अराजकता का वातावरण है। एक तरफ अधिकारी ईमानदारी से काम कर रहे हैं तो उन्हें पद से हटाकर उनके अंदर खौफ पैदा किया जा रहा है। दूसरी तरफ आरोपित अधिकारियों को संरक्षण देकर उन्हें पद से नहीं हटाया जा रहा है। जब से प्रदेश में कमलनाथजी की सरकार बनी है, तब से लेकर अब तक सिर्फ अधिकारियों को इधर से उधर करके तबादला उद्योग ही चलाया गया है। अधिकारी अपनी ईमानदारी और निष्ठा से काम कर रहे हैं तो उनके अंदर तबादले का खौफ पैदा किया जा रहा है। यह उचित नहीं है।
उन्होंने लिखा कि डीजीपी मप्र ने ईमानदारी से अपना काम किया और एकआएएस अफसर पर कार्रवाई के लिए सरकार को पत्र लिख दिया तो इससे मुख्यमंत्री नाराज हो गए। अब उन्हें पद से ही हटाया जा रहा है। दूसरी तरफ एएसआई को थप्पड़ मारने वाली कलेक्टर पर आरोप सिद्ध होने के बाद भी उन्हें नहीं हटाया जा रहा है। मुख्यमंत्री कमलनाथजी आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के बीच में गहरी खाई पैदा करने में लगे हुए हैं। सरकार का काम होता है कि वे अधिकारियों के बीच में बेहतर माहौल बनाए और उनके बीच में संतुलन बनाकर रखें, लेकिन प्रदेश सरकार तो अधिकारियों को दो धड़ों में बांटने का काम कर रही है।
यहां साथ ही उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि प्रदेश में लगातार पुलिस अधिकारियों के तबादला करने के कारण लॉ एंड आर्डर की स्थिति भी चिंताजनक है। अधिकारियों को बार-बार पद से हटाने के कारण वे अपना काम बेहतर ढंग से नहीं कर पा रहे हैं। यही कारण है कि प्रदेश में क्राइम लगातार हो रहे हैं। सरकार प्रदेश में कानून व्यवस्था सुधारें।