भोपाल। मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रकाशित एक खबर के मामले में तमाम सवाल खड़े किए हैं। उक्त प्रकाशित समाचार में तथ्यों के साथ बताया गया है कि कैसे कांग्रेस की सरकार में आंकड़ों की बाजीगरी की जा रही है और कैसे ग्वालियर, भोपाल सहित प्रदेश के 14 जिलों के तीन लाख से अधिक उपभोक्ताओं को मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अफसरों ने फॉल्स बिलिंग कर करोड़ों रुपये की अपने लिए रिश्वत की जुगाड़ कर ली। गत छह माह में कंपनी के अफसरों ने इन उपभोक्ताओं के बिलों में लेन-देन, राजनीतिक दबाव की आड़ में 4198 करोड़ रुपए माफ किए हैं। ऐसे लाखों उपभोक्ता जो जुगाड़ नहीं लगा पाए, उन्हें ओवर चार्ज व फॉल्स बिलिंग का शिकार होना पड़ा।
इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज की है। सोशल मीडिया ट्वीटर के माध्यम से उन्होंने अपनी बात साझा कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेरते हुए लिखा कि ''आखिरकार सरकार कब तक जनता को छलती रहेगी? जो वचन दिया है, उसे निभाये। कब तक आम आदमी अपना काम छोड़ बिजली बिलों को दुरुस्त कराने के लिए दफ्तर के चक्कर लगाता रहे? सरकार का इलाज का तरीका वैसा ही है कि "मर्ज बढ़ता गया, ज्यों ज्यों दवा की।"
उल्लेखनीय है कि ग्वालियर, भोपाल सहित प्रदेश के 14 जिलों के तीन लाख से अधिक उपभोक्ताओं को मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अफसरों ने फॉल्स बिलिंग की है। जिसका कि आंकड़ा एवं संपूर्ण जानकारी हाल ही में बिजली कंपनी की समीक्षा बैठक में निकलकर सामने आया है, जिसमें बताया गया कि पिछले छह माह से उपभोक्ताओं के बिल एडजस्टमेंट के नाम पर कम किए जा रहे हैं। अब यह आंकड़ा लगभग 4198 करोड़ रुपये से अधिक पर पहुंच गया है। इसमें कई बिल पेंडिंग होकर एक से दो माह बाद करेक्ट किए गए हैं, जबकि स्पॉट बिलिंग का उद्देश्य ही इस तरह की गड़बड़ी को रोकना था। वहीं कई बिलों को चालू माह में ही चेंज किया गया है। जब उपभोक्ता द्वारा आपत्ति जताई जाती है, तो नोटशीट के आधार पर बिल में संशोधन किया जाता है। इसमें कंपनी के ऑनलाइन डाटाबेस में पुराना बिल दिखता रहता है और नए बिल में संशोधन राशि का उल्लेख होता है। इस मामले में यह भी सामने आया है कि जो उपभोक्ता बिल चार्ज कम करने को लेकर कोई भी जुगाड़ लगाने में असफल रहे हैं, उन्हें ओवर चार्ज व फॉल्स बिलिंग का शिकार पिछले कई माह से लगातार होना पड़ रहा है ।