भोपाल। विशेष अदालत से पूर्व सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री लालसिंह आर्य को शनिवार को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव की हत्या के मामले में लालसिंह आर्य को बरी कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, अदालत ने लालसिंह आर्य के खिलाफ प्रस्तुत किये गए सबूतों को पर्याप्त नहीं माना।
भिंड जिले के छरेंटा गांव में 13 अप्रैल 2009 को रात 8 बजे गोहद से कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। विधायक जाटव की हत्या के मामले में पुलिस ने सुरक्षा गार्ड शिवराज सिंह की रिपोर्ट पर नारायण शर्मा, शेरा उर्फ शेर सिंह, पप्पू उर्फ मेवाराम, सेठी कौरव, गंधर्व सिंह, केदार सिंह, तेजनारायण शर्मा (मृत्यु हो चुकी), रामरूप सिंह गुर्जर को आरोपित बनाया था। इस मामले में स्पेशल कोर्ट ने पहले लालसिंह आर्य को भी आरोपित बनाया था, लेकिन मंत्री आर्य हाईकोर्ट गए तो वहां स्पेशल कोर्ट का फैसला निरस्त हो गया। इस दौरान मंत्री आर्य ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भिंड कोर्ट के फैसले को सही माना। इसके बाद भिंड की स्पेशल कोर्ट ने राज्यमंत्री लालसिंह आर्य को आरोपित बनाते हुए 25 हजार रुपये का जमानती वारंट जारी किया था। मंत्री आर्य के वकील की ओर से कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गई थी, जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया था। स्पेशल कोर्ट में गुरुवार को अरविंद जाटव, श्रीपाल सिंह के अलावा हत्या के समय विधायक माखनलाल जाटव के साथ गाड़ी में मौजूद रहे सुरक्षा गार्ड एएसआई बालकृष्ण ढोंगरा के बयान भी हुए थे। सुरक्षा गार्ड ढोंगरा ने कोर्ट में कहा था कि उन्होंने वारदात के समय 2 गोली चलने की आवाज तो सुनी थी, लेकिन अंधेरा होने से किसी को पहचान नहीं पाये। इसके बाद ही शनिवार को विशेष अदालत का यह फैसला आया है।