भोपाल। मध्यप्रदेश में आगामी 8 फरवरी को हाईकोर्ट से लेकर सभी जिला एवं तहसील न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इस लोक अदालत में बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरण समझौते के माध्यम से निराकृत किये जाएंगे। कंपनी द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं एवं उपयोगकर्ताओं से अपील की गई है कि वे अप्रिय कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए अदालत में समझौता करने के लिए संबंधित बिजली कार्यालय से संपर्क करें। यह जानकारी जनसम्पर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने शुक्रवार को मीडिया को दी।
उन्होंने बताया कि कंपनी ने निर्णय लिया है कि धारा 135 और 138 के न्यायालयों में लंबित प्रकरण और जो प्रकरण न्यायालय में दर्ज नहीं हो सके हैं तथा धारा 126 के अंतर्गत बनाये गये हैं, तथा ऐसे प्रकरण जिनमें उपभोक्ताओं द्वारा अपीलीय कमेटी के समक्ष आपत्ति-अपील प्रस्तुत नहीं की गई है, के प्रीलिटिगेशन के माध्यम से निराकरण के लिये निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट दी जाएगी।
प्रिलिटिगेशन स्तर
कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 40 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के बाद छ: माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
न्यायालयीन लंबित प्रकरण
कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 25 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के बाद प्रत्येक छ:माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
आवेदक को निर्धारित छूट के बाद शेष बिल आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा। उपभोक्ता/उपयोगकर्ता को विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन/संयोजनों के विरुद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा। आवेदक के नाम पर कोई वैध कनेक्शन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक द्वारा वैध कनेक्शन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित कनेक्शनों के विरुद्ध बकाया राशि (यदि कोई हो) का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा।