भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रदेश को माफियामुक्त बनाने के अभियान को जिम्मेदार अधिकारियों ने आधे से ज्यादा प्रदेश में माफिया विरोधी अभियान के नाम पर अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू कर दिया गया है। ऐसे कई मामले सामने आए है जिसमें नगर निगम और राजस्व महकमे ने आम लोगों को बिल्डिंग परमिशन में नियमों के उल्लंघन और अतिक्रमण के नाम पर नोटिस थमा दिए हैं। माफिया के खिलाफ मुहीम के नाम पर आम लोगों को तंग किए जाने से मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ काफी नाराज़ है। इसे लेकर उन्होंने अफसरों को सख्त निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री कमलनाथ इन दिनों दावोस दौरे पर है। इस बीच उन्होंने माफिया के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर आम आदमी को अतिक्रमण, भवन अनुज्ञा के उल्लंघन का मामला बनाकर तंग किए जाने की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुई नाराजगी जाहिर की है और संभागीय कमिश्नरों को आम नागरिकों की बजाय माफियाओं के खिलाफ योजनाबद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए है।
जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि माफिया के नाम पर अफसरों ने हजारों को अतिक्रमण के नोटिस थमा दिए थे। मामला संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नोटिस थमाने पर सभी संभागीय कमिश्नर्स को निर्देश दिए है। जिसमें उन्होंने कहा है कि माफियाओं के नाम पर आम लोग परेशान न हों। साथ ही माफिया मुक्त अभियान के लिए सभी संभागीय कमिश्नरों के तहत जो कमेटी बनी है उसे निर्देश दिए है कि वो देखेंगे कि माफियाओं के खिलाफ एक्शन हो रहा है या फिर आम आदमी परेशान हो रहा है।
महिला अधिकारियों से मारपीट निंदनीय
वहीं राजगढ़ में सीएए के समर्थन में रैली निकाले जाने के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के खिलाफ भाजपा द्वारा एफआईआर कराने जाने पर जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि राजगढ़ में भाजपा कार्यकर्ताओं को धारा 144 में अनुमति लेकर रैली प्रदर्शन करना चाहिए लेकिन उनके द्वारा धारा 144 तोडक़र महिला कलेक्टर और महिला डिप्टी कलेक्टर से मारपीट निंदनीय है। महिला कलेक्टर को धक्का दिया गया और अधिकारियो के साथ अभद्र व्यवहार किया इस पर एक्शन लिया जाना चाहिए। विपक्ष पर निशाना साधते हुए मंत्री शर्मा ने कहा कि बगैर अनुमति लिए ये सब करना भाजपा की ये प्रवृत्ति है।
वहीं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव द्वारा महिला अधिकारियों को सरकारी गुलाम कहे जाने की मंत्री शर्मा ने निंदा की है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष द्वारा महिला प्रशासनिक अधिकारी पर टिपण्णी दुर्भाग्यपूर्ण है। वक्त बदला है इसलिए भाजपा नेता बौखलाए हुए हैं।