भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र गुरूवार से प्रारंभ हो गया है। हालांकि पहला दिन का सत्र दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद स्थगित कर दी गई है। कार्यवाही स्थगित होने के बाद एक बार फिर सदन में वास्तुदोष का मुद्दा गूंजा। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने विधानसभा में काशी से विद्वान बुलाकर अनुष्ठान करवाने की सलाह दी है।
विधानसभा में मीडिया से बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि हमारे वर्तमान विधानसभा को एक वर्ष हुआ है। पिछले चालीस वर्षो से देख रहा हूं, कि सदन के एक कार्यकाल में ही दस से ग्यारह विधायक दिवंगत हो गए है। इसको लेकर मैंने कई विद्वानों और बुद्धि जीवियों से चर्चा की है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वास्तु का अपना अलग महत्व है, पिछले कई समय में हमारे कई साथी दिवंगत हो गए है, इस कारण को समझना चाहिए। गोपाल भार्गव ने कहा कि मैंने मनोवैज्ञानिक लोगों से भी पूछा तो उन्होंने बताया कि विधायक को मानसिक दबाव रहता है, देर रात तक जागते है। इसलिए उनकी असमय मृत्यु का बड़ा कारण मानसिक तनाव भी रहता है। नेताओ की अकाल मृत्यु का सबसे बड़ा कारण मानसिक तनाव है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधानसभा में कुछ ना कुछ ऐसी चीज है, जिसके चलते लगातार विधानसभा के सदस्यों की मौत हो रही है। काशी से विद्वान बुलाकर विधानसभा में अनुष्ठान करावाना चाहिए।
वहीं, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने कहा है कि उनके समय भी विधायकों को वास्तु को लेकर आशंका थी। इसके बाद विधानसभा में वास्तु में कुछ परिवर्तन कराया था। कांग्रेस सरकार में राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने भी नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के सदन में अनुष्ठान के वक्तव्य का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि जब से विधानसभा बनी है तब से असमय विधायकों की मौतें हुई है। अगर ऐसा है तो किसी क़ाबिल व्यक्ति से वास्तुदोष दूर कराए जाना चाहिए।