बालाघाट। मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले की विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा की संस्कृति एवं परंपराओं के संरक्षण एवं उनके विकास के लिए तीन दिवसीय बैगा ओलम्पिक-2020 का आयोजन किया जा रहा है।
बैहर के शासकीय उत्कृष्ठ विद्यालय के खेल मैदान में आयोजित इस दिसवीय बैगा ओलम्पिक का शनिवार, 04 जनवरी को भव्य शुभारम्भ हुआ। जिला प्रशासन इसकी तैयारियां जोर-शोर से कर रहा है। बैगा ओलम्पिक में एडवेंचर गेम्स के साथ ही रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। इनमें असम राज्य का बिहू नृत्य, केरल राज्य से उत्पन्न युद्ध कला कलारीपयट्टू का प्रदर्शन केरल के कलाकार एवं राजस्थान का कालबेलिया व भवई नृत्य प्रमुख आकर्षण रहेंगे।
जिला पंचायत सीईओ रजनी सिंह ने गुरुवार को इस सम्बंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैहर में आयोजित हो रहे बैगा ओलम्पिक-2020 की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। इस आयोजन में प्रदेश के साथ अन्य राज्यों के आदिवासी खिलापड़ी भी भाग लेंगे। बाहर से आने वाले बैगा खिलाड़ियों के ठहरने की व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं। महिला खिलाड़ियों के ठहरने के लिए उत्कृष्ट कन्या छात्रावास बैहर, कस्तूरबा कन्या छात्रावास, सीनियर कन्या छात्रावास में व्यवस्था रहेगी। पुरुष खिलाडिय़ों के लिए उत्कृष्ट छात्रावास, सीनियर छात्रावास, माडल स्कूल, कन्या माडल स्कूल जैन धर्मशाला में व्यवस्था रहेगी। खिलाड़ियों के ठहरने के सभी स्थानों पर पानी, भोजन एवं सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि बैहर बैगा आलंपिक में प्लास्टिक का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। भोजन करने के लिए दोना-पत्तल का उपयोग किया जायेगा। इस आयोजन में खाद्य व्यंजनों के स्टाल लगाने वाले भी प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेंगे। चाय विक्रय करने वाले भी पेपर कप का इस्तेमाल करेंगे। नगर पंचायत को जिम्मेदारी दी गई है कि वह अलग-अलग स्थान पर डस्टबीन रखेगी और उसमें उपयोग के बाद दो-पत्तल रखे जाएंगे।
उन्होंने बताया कि बैहर बैगा ओलम्पिक में आम लोग भी एडवेंचर गेम्स के अंतर्गत हाट एयर बलून, बंजी जंपिंग, पैरासेलिंग, जिपलाईन, वाल क्लाईबिंग का आनंद उठा सकते हैं। एडवेंचर गेम्स बिरवा के मैदान में होगा। यहां आम जन निर्धारित शुल्क देकर साहसिक खेलों का आनंद ले सकेंगे। इस दौरान कान्हा नेशलन पार्क के भ्रमण पर आने वाले विदेशी पर्यटकों को बैगा संस्कृति एवं परंपराओं से परिचित कराया जायेगा। इसके लिए पार्क के क्षेत्र में संचालित रिसोर्ट संचालकों से समन्वय कर विदेशी पर्यटकों को बैगा आलंपिक में लाया जायेगा। इस आयोजन में विदेशी पर्यटकों को जमीन पर बैठाकर बैगा जनजाति के खाद्य व्यंजन, कोदो-कुटकी की खीर एवं अन्य सामग्री दोना-पत्तल में परोसी जायेगी। आयोजन में आने वाले विदेशी पर्यटकों का बैगा संस्कृति के अनुरूप पीले चावल का टीका लगाकर स्वागत किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि आयोजन में मध्यप्रदेश के बालाघाट सहित मंडला, डिंडोरी, सिवनी, अनुपपुर, उमरिया, शहडोल, छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव, कवर्धा जिलों के बैगा खिलाड़ी शामिल होंगे। तीन दिनों के इस आयोजन के दौरान रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रमों होंगे।