भोपाल। साल का अंतिम दिन कड़ाके की सर्दी की चपेट में रहा। कुछ जिलों में बारिश हुई तो अन्य जगह देर तक कोहरा छाया रहा। दतिया एक डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान के साथ प्रदेश में सबसे ठंडा रहा। ठंड से पक्षियों की मौत भी हो गई है। जबलपुर में शाम को बारिश हुई। बैतूल में बारिश से कृषि उपज मंडी परिसर में रखी उपज भीग गई।
इसके अलावा छिंदवाड़ा, पचमढ़ी, तवानगर, होशंगाबाद में भी बारिश हुई। अन्य जिलों में दिन भर धुंध छाई रही और धूप नहीं निकली। दिन में भी लोग अलाव जलाकर तापते देखे गए। सर्वाधिक फजीहत रेल यात्रियों की हुई। ट्रेनें घंटों तक देरी से चलने के कारण वे स्टेशन पर तेज सर्दी के बीच इंतजार करते देखे गए। भीषण ठंड के दौर में बने वेदर सिस्टम के कारण प्रदेश में बरसात भी शुरू हो गई है। इससे दिन में भी ठिठुरन बढ़ गई है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अभी 3-4 दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बने रहने की संभावना है। मौसम साफ होने के बाद कड़ाके की सर्दी का सिलसिला फिर शुरू होगा।
उधर, मंगलवार को ग्वालियर, खजुराहो, भोपाल, सागर, नौगांव, श्यौपुरकला, टीकमगढ़, दमोह, गुना, सतना में तीव्र शीतल दिन रहा। नरसिंहपुर, जबलपुर, बैतूल, रीवा, सीधी, राजगढ़, रतलाम, शिवपुरी में शीतल दिन रहा। मंगलवार को पचमढ़ी में 5, नरसिंहपुर में 4, बैतूल में 3, होशंगाबाद में 0.5 मिमी बरसात हुई। भोपाल, जबलपुर में बूंदाबांदी हुई। मौसम विज्ञान केंद्र के प्रवक्ता के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है। उधर, एक ऊपरी हवा का चक्रवात उत्तरी गुजरात और उससे लगे हरियाणा, राजस्थान पर बना हुआ है। इसके अतिरिक्त पूर्वी और पश्चिमी हवाओं का मध्य भारत क्षेत्र में टकराव हो रहा है।
इससे बड़े पैमाने पर आ रही नमी से बादल छा गए हैं। साथ ही रुक-रुककर बरसात का दौर शुरू हो गया है। मौसम विज्ञानी जेपी विश्वकर्मा ने बुधवार को बताया कि अभी तीन जनवरी तक मौसम साफ होने की संभावना नहीं है। इसके बाद बादल छंटना शुरू होंगे और कड़ाके की ठंड का एक और दौर शुरू होगा।