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राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के कई स्थानों पर बारिश के आसार
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भोपाल। मध्य प्रदेश में हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच पश्चिमी विक्षोभ के असर से मंगलवार से बारिश होने की संभावना है। आसमान में बादल छा रहे हैं। सोमवार को बादल छाने से रात में ठंड से कुछ राहत मिलेगी, लेकिन दिन के तापमान में गिरावट होगी।

रविवार को प्रदेश में न्यूनतम तापमान 1 डिग्री पचमढ़ी और उमरिया में रिकार्ड किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक रविवार को प्रदेश के गुना में 2, सीधी में 2.4, सागर और रायसेन में 2.5, मलाजखंड में 2.7, खजुराहो में 3.6, रीवा में 4.8, शाजापुर में 5 डिग्री न्यूनतम तापमान रिकार्ड किया गया। राजस्थान पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बन गया है, जिसके चलते रविवार को दोपहर के समय हवा का रुख उत्तरी से बदलकर कुछ देर के लिए दक्षिण-पूर्वी हो गया था। इस सिस्टम के कारण वातावरण में नमी आने का सिलसिला शुरू हो गया है। इससे आसमान पर ऊंचाई पर और मध्यम स्तर पर बादल छाने लगे हैं। बादलों के कारण रात के न्यूनतम तापमान में मामूली बढ़ोतरी होने लगेगी। बादलों के कारण दिन का तापमान कुछ नीचे लुढक़ेगा।


सोमवार को एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में दाखिल होने जा रहा है। उसके प्रभाव से मंगलवार से राजधानी सहित प्रदेश के कई स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश होने के आसार हैं। बारिश का दौर रुक-रुककर बुधवार-गुरुवार को भी जारी रह सकता है। इसके बाद मौसम साफ होने पर पूरा प्रदेश फिर कड़ाके की ठंड की चपेट में आ जाएगा।


रबी फसलों पर दिख रहा पाले का असर
रविवार सुबह भी फसल, घास और सडक़ पर खड़े वाहनों पर ओस जमी हुई थी। कई जगह घने कोहरे के कारण वाहन हेडलाइट जलाकर धीमी गति से चल रहे थे। कोहरे के कारण रेल यातायात भी प्रभावित रहा। उत्तर भारत की ओर से आने वाली ट्रेनें घंटों की देरी से आईं। इस कारण वापसी के समय भी लेट हुईं। इससे रेल यात्रियों को स्टेशनों पर तेज सर्दी में इंतजार करना पड़ रहा है। इधर, दलहन व सब्जी की फसल पर पाले का असर दिखने लगा है। कई गांवों में फसल की पत्तियां काली पड़ गई हैं, जिससे किसान चिंतित हैं।


पाला से फसलों को बचाने की सलाह :
शीतलहर और तापमान में भारी गिरावट को देखते हुए किसानों को फसलों को पाले से बचाने के लिए उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास ने कहा है कि पाला से दलहनी एवं सब्जी की फसल को अधिक नुकसान हो सकता है। इन परिस्थितियों को देखते हुए किसान खेतों में हल्की सिंचाई करें एवं रात्रि में 12 से 2 बजे के बीच मेड़ों पर कचरे को जलाकर धुआं करें तथा फसलों पर सल्फर का 0.1 फीसदी घोल बनाकर फसल पर छिडक़ाव करें। इससे फसलों पर पाला का प्रभाव कम होगा।

उप संचालक कृषि ने कहा है कि पौधशाला के पौधों एवं क्षेत्र वाले उद्यानों व सब्जी की फसलों को टाट अथवा पाॅलीथिन व भूसे से ढकने का भी इंतजाम कर सकते हैं। उन्होंने वायुरोधी टाटियां हवा आने वाली दिशा की तरफ से बांधकर क्यारियों के किनारे पर लगाने को कहा है। लेकिन दिन में इन्हें पुन: हटा दें।

Kolar News 30 December 2019

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