भोपाल। भोपाल नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी पिछले कुछ समय से जनता की सेवा करने के बजाए कोर्ट के चक्कर लगाने में ज्यादा व्यस्त नजर आ रहे हैं, क्योंकि निगम इन दिनों अदालतों में चल रहे पेंडिंग मामलों से जूझ रहा है। मामलों को निपटाने में अधिकारी लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के चक्कर लगा रहे है। दरअसल लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक 1400 से ज्यादा मामले निगम के चल रहे है और इन्हीं केसों की पेशी में ही ज्यादातर अधिकारियों का समय खप जाता है। जिस कारण राजधानी के विकास कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
नगर निगम के अधिकारी कर्मचारी जहां एक तरफ कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ एसआईसी मैंबर्स के बीच इस बात को लेकर सियासत शुरू हो गई है। इस मामले को लेकर महापौर आलोक शर्मा का कहना कि मामलों को जल्द ही निपटा लिया जाएगा। कोर्ट प्रोसिजिंग में समय लगता है हम जल्द ही मामलों का निपटारा कर लेंगे, लेकिन नेता प्रतिपक्ष मोहम्मद सगीर भाजपा पर आरोप लगाते हुए यह कह रहे हैं कि आज नगर निगम केसों के फेर में फंस रहा है। वो सब बीजेपी से जुड़े हुए लोगों की देन हैं। इनके पैनल के कारण यह केस हुए हैं और इन्हें तत्काल बाहर कर देना चाहिए। निगम के आपसी सियासी जंग के कारण आम जनता पिसती हुई नजर आ रही है।
किस शाखा में, कितने मामले है लंबित
जिन शाखाओं के मामले कोर्ट में लंबित चज रहे है उनमें जलकार्य शाखा के 28, राजस्व शाखा के 177, बिल्डिंग परमिशन शाखा के 622, संपत्तिकर शाखा के 83, अतिक्रमण शाखा के 20, फायर ब्रिगेड के 02, शिक्षा विभाग के 05, प्रोजेक्ट शाखा के 26, उद्यान शाखा के 10, निर्वाचन शाखा के 03, झील संरक्षण प्रकोष्ठ के 04, होडिंग शाखा के 09, जीएड के 54, संस्थापना शाखा के 05, पेंशन शाख के 18, लोक सूचना विभाग के 02, जन्म-मृत्यु शाखा के 06 मामले लंबित है।