इंदौर। राज्य सरकार के माफिया के खिलाफ जंग के ऐलान के बाद भू-माफिया के सरकारी जमीनों पर कब्जा कर बनाए गए अवैध निर्माणों पर पिछले दो दिनों से लगातार तोड़फोड़ की कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में सोमवार इंदौर नगर निगम ने भूमाफिया के निर्माणों पर तीन स्थानों पर एक साथ ही कार्रवाई शुरूकी। इस कार्रवाई के लिए रविवार को रात में ही तैयारी कर ली गई थी। पुलिस एवं जिला प्रशासन के अधिकारी भी रात को ही योजना को अंतिम रूप दे चुके थे। इस योजना के अनुसार ही सोमवार को सुबह से निगम की पोकलेन मशीन और जेसीबी निर्माणों को जमींदोज करने में लग गईं।
बब्बू उर्फ सुल्तान के खजराना स्थित निवास पर नगर निगम की टीम सोमवार को अलसुबह तोडफ़ोड़ करने के लिए पहुंच गई। टीम ने बब्बू के तीन निर्माणों को एक साथ निशाने पर लिया। इसमें बब्बू का घर, बब्बू का ऑफिस और दरगाह के समीप बना उसका फार्म हाउस शामिल है। निगम के इंजीनियर महेश शर्मा ने बताया कि तीनों अवैध निर्माणों को अलग-अलग पोकलेन मशीनें लगाकर धराशायी किया गया। इस दौरान इन निर्माणों के अंदर रखा सामान भी बाहर निकाल कर ढेर लगा दिया गया। यह फार्म हाउस तीन हजार स्क्वेयरफीट क्षेत्र में बना हुआ था।
इसके साथ ही 15 हजार स्क्वेयरफीट की रिक्त भूमि को भी कब्जे में लिया गया है। जमीनों पर अवैध कब्जे करने, अवैध भवनों का निर्माण करने और रंगदारी के साथ वसूली करने के मामले में बब्बू-छब्बू कुख्यात है। पिछले दिनों ये लोग शहजाद लाला हत्याकांड के कारण चर्चा में आए थे। पुलिस खजराना द्वारा इन दोनों अपराधियों की जोड़ी के खिलाफ रविवार को ही प्रकरण दर्ज किया गया था। इस प्रकरण को दर्ज करने के साथ ही बब्बू को गिरफ्तार भी कर लिया गया था। बब्बू को गिरफ्तारी के बाद पुलिस द्वारा उसे किस तरह रखा जा रहा था इसका अंदाज तो इसी बात से लगाया जा सकता है कि बब्बू के परिजन पूरे समय थाने जाकर आराम से बब्बू से मिल रहे थे और उसकी खातिरदारी का दौर भी चल रहा था। उसके परिजनों ने थाने के बाहर ही डेरा डाल रखा था। पहले भी बब्बू-छब्बू के साथ पुलिस की मिलीभगत की खबरें सामने आती रही हैं। अब बब्बू अंदर है और आज उसका घर भी तोड़ दिया गया है। ऐसे में सभी की नजरें छब्बू पर होने वाली कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।
सलूजा के पांच मंजिला मकान पर भी बोला निगम ने धावा
नगर निगम की टीम के द्वारा पिपलियाराव क्षेत्र में स्थित जगजीत नगर में भू-माफिया ओमप्रकाश सलूजा के पांच मंजिला मकान को तोडऩे की कार्रवाई सोमवार को सुबह की गई। मौके पर पहुंचे निगम के इंजीनियर ओपी गोयल ने बताया कि सलूजा के द्वारा 4 हजार स्क्वेयरफीट के प्लाट पर जी प्लस 4 के रूप में 5 मंजिला भवन का निर्माण किया जा रहा था। यह बिल्डिंग जगजीत नगर गुरुद्वारे के पास बनाई जा रही थी। इस बिल्डिंग के निर्माण के लिए किसी भी तरह की कोई अनुमति नहीं ली गई थी। पूरे प्लाट पर अवैध रूप से कब्जा करने के बाद अवैध भवन का निर्माण अंतिम चरण में था, पूरा भवन बन गया था। भवन के अधिकांश हिस्से में फिनिशिंग का कार्य भी हो गया था।
निगम की टीम इस भवन पर पहुंची और जेसीबी और पोकलेन मशीन की मदद से भवन को धाराशाई करने का अभियान शुरू किया गया। इस मामले में आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि इतनी बड़ी इमारत कई महीनों में बनकर तैयार हुई लेकिन अब तक नगर निगम के अमले को इस इमारत पर कार्रवाई करने की कभी सुध नहीं आई। अब जब यह अभियान शुरू हुआ है तब जाकर यह कार्रवाई शुरू हो पाई।
अग्रवाल का अवैध रूप से बनाया गया कार्यालय किया जमींदोज
नामचीन कालोनाइजर शिवनारायण अग्रवाल के कब्जे से आज तुलसीनगर में 15 हजार स्क्वेयरफीट जमीन को मुक्त कराया गया। इस जमीन की कीमत करोड़ों रुपये है। अग्रवाल के द्वारा इस जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था। इसके साथ ही इस जमीन पर 20 गुणा 30 के आकार में एक कार्यालय भी बना लिया गया था। यह कार्यालय संचालित हो रहा था।
उल्लेखनीय है कि तुलसीनगर के रूप में अवैध कालोनी का निर्माण करने और सरकारी जमीन को भी कालोनी में शामिल कर देने के मामले में पहले भी अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। उस समय भी उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। अब एक बार फिर तुलसी नगर घोटाला ही अग्रवाल के गले की हड्डी बन रहा है। इस मामले में आज निगम की टीम के द्वारा इंजीनियर अवधेश जैन के नेतृत्व में मौके पर पहुंचकर कार्रवाई को अंजाम दिया गया। इसके साथ ही उसके कब्जे से करोड़ों रुपये की जमीन भी छीन ली गई है।