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ब्लैक मार्केटिंग करने वालों और जमाखोरों के साथ कमलनाथ सरकार का गठजोड़
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भोपाल। मध्य प्रदेश में इन दिनों प्याज और यूरिया को लेकर खूब हंगामा मचा हुआ है। यूरिया संकट को लेकर मध्य प्रदेश में सिसायत चरम पर है। एक तरफ राज्य सरकार केंद्र सरकार पर मांग के मुताबिक यूरिया नहीं देने का आरोप लगाते हुए हर हाल में यूरिया उपलब्ध कराने का वादा कर रही है। तो वहीं दूसरी ओर यूरिया खाद की किल्लत के कारण किसानों को घंटों लाइन में खड़े रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। प्याज और यूरिया को लेकर पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा ने सरकार पर तंज कसा है। उनका कहना है कि अगर यूरिया और प्याज नहीं है तो ब्लैक में कैसे मिल रहे हैं? उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ब्लैक मार्केटिंग करने वालों के साथ और जमाखोरी करने वालों के साथ में राज्य सरकार का गठजोड़ हो गया है।
 
सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मेरा मानना है कि खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। क्योंकि अगर खाद नहीं होती तो ब्लैक में कैसे मिल रही होती और अगर ब्लैक में मिल रही है तो इसका मतलब है कि किसान को नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को यूरिया की कमलनाथ सरकार के डंडे मिल रहे है, भूख और प्यास मिल रही है, लाईन में लगना मिल रहा है। प्याज को लेकर मचे हाहाकार पर भी पूर्व मंत्री ने कहा कि प्याज भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। अगर नहीं होती तो 100 और 150 रुपए कैसे मिल रही होती, लेकिन वो केवल गरीब को नहीं मिल रही है।
 
सरकार पर आरोप लगाते हुए मिश्रा ने कहा कि जमाखोरों और ब्लैक मार्केटिंग करने वालों का एक बड़ा वर्ग कमलनाथ सरकार के संरक्षण में चल रहा है, जिसके कारण यह अव्यवस्था हो रही है। उन्होंने अपनी सरकार के कार्यकाल का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारी सरकार ने तो 8 रुपए किलो प्याज खरीदकर मुफ्त में बांटा था, उस दौरान लेने वाले नहीं थे। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि आपदा की ऐसी घड़ी में ऐसे कामों को आगे बढ़ाए। 
Kolar News 9 December 2019

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