भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। प्रदेश के ग्वालियर-चम्बल, पंचमढ़ी, खजुराहों समेत कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापना 10 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। रात में ठंड का असर तेज होते ही गर्म कपड़ों की मांग भी तेजी से बढ़ने लगी है। पेटियों में बंद रखे ऊनी कपड़े बाहर निकल आए हैं। दिन में भी बच्चे व बुजुर्ग के बाद अब बड़े भी गर्म कपड़ों से ढंके नजर आने लगे हैं।
दिसम्बर का पहले सप्ताह में ही प्रदेशभर में ठंड का असर तेज हो गया था, लेकिन इस बीच दो दिन तक हल्की गर्मी होने से गर्म कपड़ों की तरफ रुझान कम होने लगा था। अब दिसम्बर के दूसरे सप्ताह के शुरू होते ही ठंड बढ़ने के साथ ही गर्म कपड़ों की मांग भी बढ़ गई है। नगरों की कपड़ा दुकानों पर भीड़ दिखने लगी है। अभी सुबह और शाम के समय सर्द हवाओं से ठिठुरन बढती जा रही है। वातावरण में ठंड बढऩे के साथ गर्म कपड़ों का बाजार चल पड़ा है। प्रतिदिन दुकानों में गर्म कपड़ों की अच्छी खासी बिक्री हो रही है।
गर्म कपड़ों के विक्रेताओं से चर्चा करने पर यह बात सामने आ रही है कि इस साल अधिक बारिश व मौसम के मिजाज को देखते हुए अच्छी ठंड पड़ने की संभावना है। इसी के चलते उनके द्वारा ऊनी कपड़ों का अच्छा स्टॉक किया गया है । ट्रांसपोर्टिंग की लागत बढऩे के कारण गर्म कपड़ों की कीमतों में 10 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। समय के हिसाब से युवाओं के बीच स्वेटर की मांग कम हुई है। वहीं इसकी जगह जैकेट की मांग ज्यादा है। जैकेट 400 से दो हजार व महिलाओं और युवतियों के स्वेटर 200 से 1000 रुपये की रेंज में उपलब्ध हैं। वहीं ठंड के चलते गर्म खाद्य पदार्थों की दुकानों पर इन दिनों काफी चहल-पहल दिखाई दे रही है।
राहत पाने अलाव का ले रहे सहारा
सर्दी के चलते सुबह-शाम जगह-जगह अलाव जलते हुए दिखाई देने लगे हैं, जहां पर अलाव ताप कर लोग सर्दी से राहत पाने का प्रयास कर रहे हैं। वैसे तो ठंड का यह प्रारंभिक रूप है। दिसम्बर के दूसरे सप्ताह की शुरुआत के बाद कड़ाके की ठंड पडऩे लगी है। शुक्रवार-शनिवार की रात से सर्द हवाएं चलने के कारण अचानक ठंड का असर तेज हुआ और तभी लोग गर्म कपड़ों में नजर आने लगे। रविवार-सोमवार की रात भोपाल, इंदौर समेत कई शहरों का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री के आसपास दर्ज किया गया। कड़ाके की ठंड ने लोगों को गर्म कपड़े पहनने तथा अलाव जलाने के लिए मजबूर कर दिया। दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे ठंड से रबी की प्रमुख फसल गेहूं को फायदा होने की उम्मीद है। इससे किसानों के चेहरे पर प्रसन्नाता दिखाई देने लगी है तो वहीं आलू एवं चने की फसल पर ठंड का विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इधर ठंड ने गर्म वस्त्र के व्यवसाय में भी बढ़ोतरी कर दी है। ऊनी वस्त्रों के साथ ही गर्म एवं चटपटे व्यंजनों की दुकानों पर भी भीड़ दिखाई देने लगी है।