भोपाल। भोपाल की अदालत द्वारा अवैध खनन मामले में सजा सुनाने के बाद विधानसभा द्वारा सदस्यता समाप्त करने के मामले में प्रदेश के पन्ना जिले की पवई विधानसभा सीट से भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी को उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को बड़ी राहत दे दी है। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा है।
दरअसल, विधायक प्रहलाद लोधी के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा ने सरकार की तरफ से अदालत में अपना पक्ष रखा। वहीं, प्रहलाद लोधी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और पुरुशेन्द्र कौरव ने सरकार की दलीलों का जवाब दिया। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया और मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए उन्हें आगामी 17 दिसम्बर से शुरू होने वाले मप्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शामिल होने की अनुमति प्रदान की।
गौरतलब है कि अवैध उत्खनन मामले में विधायक प्रहलाद लोधी को दोषी मानते हुए भोपाल की विशेष अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने तत्परता दिखाते हुए उनकी विधानसभी की सदस्यता समाप्त कर दी। इस मामले को लेकर जमकर राजनीति हुई। विधायक लोधी ने भोपाल की विशेष अदालत के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनकी याचिका पर हाईकोर्ट में विशेष अदालत के फैसले पर दो महीने तक के लिए रोक लगा दी थी। इसके बाद भी उनकी विधानसभा की सदस्यता बहाल नहीं की गई। इस मामले को प्रदेश में जमकर राजनीति हुई। यहां तक कि भाजपा ने राज्यपाल को भी कई बार ज्ञापन सौंपा, लेकिन राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है। साथ ही हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है।
बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र आगामी 17 दिसम्बर से शुरू होने जा रहा है। विधानसभा की सदस्यता समाप्त होने के बाद विधायक प्रहलाद लोधी के सत्र में शामिल होने पर असमंजस बना हुआ था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद अब वे शीतकालीन सत्र में हिस्सा ले सकेंगे।