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आवंटित आवासों में नहीं रहने वाले कर्मियों के मकान खाली कराने के निर्देश
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उज्जैन। उज्जैन कमिश्रन अजीत कुमार ने बुधवार को अधिकारियों की बैठक लेकर शासकीय आवास आवंटन की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि जिन अधिकारी एवं कर्मचारियों का स्थानांतरण दूसरे जिले में हो चुका है और उन्होंने शासकीय आवास रिक्त नहीं किया है या जिन्होंने स्वयं का आवास बना लिया है तथा जिन आवासों में शासकीय कर्मचारी की बजाय अन्य व्यक्ति निवासरत होना पाए गए हैं, उन्हें नोटिस देकर तत्परता से शासकीय आवास खाली कराए जाएं, ताकि उक्त रिक्त आवास जरुरतमंद अधिकारी एवं कर्मचारियों को आवंटित किए जा सकें। 

दरअसल, कमिश्नर को लम्बे समय से शिकायत मिल रही थी कि कुछ शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों ने अपने नाम से शासकीय आवास आवंटित कर रखे हैं, किन्तु वे शासकीय आवास में निवास नहीं कर स्वयं के बने मकानों में रहते हैं, दूसरे जिले से अप-डाउन करते हैं या उन्हें आवंटित आवासों में दूसरे लोग निवासरत हैं। यह भी शिकायत मिली थी कि कई आवासों में हर समय ताले लगे मिलते हैं। मिश्नर ने शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए तहसीलदार से सभी शासकीय आवासों में निवासरत लोगों की जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर कमिश्नर ने बुधवार को शासकीय आवास आवंटन की समीक्षा की। 

कमिश्नर ने समीक्षा में पाया कि सहकारिता विभाग के एक अधिकारी को 2017 में शासकीय आवास आवंटित हुआ था, किन्तु उन्होंने आधिपत्य नहीं लिया और न ही तत्संबंध में कोई सूचना दी। वर्तमान में अधिकारी का स्थानांतरण हो चुका है एवं शासकीय रिकार्ड के अनुसार मकान उन्हें आवंटित है और वर्तमान में मकान में ताला लगा हुआ है। कमिश्नर ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मकान का ताला तुड़वाया जाए। इस दौरान पंचनामा बनाकर वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी भी कराई जाए। वहीं पाया गया कि सहकारिता विभाग के ही ओपी गुप्ता अपने आवंटित आवास में न रहकर सहकारिता के रेस्ट हाऊस में रहते हैं। कमिश्नर ने डीसीआर एसके भण्डारी को निर्देश दिए कि वे यह सुनिश्चित करें कि अधिकारी या तो आवास पर रहें या रेस्ट हाऊस पर रहें।

कमिश्नर ने मत्स्य विभाग के दो कर्मचारियों को हुए आवास आवंटन की जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने मलेरिया विभाग के सर्वेलेंस राजेश त्रिवेदी द्वारा स्वयं का आवास होने के बावजूद शासकीय आवास में निवास करने की घटना को गंभीरता से लेते हुए डीसीआर भण्डारी को निर्देश दिए कि वे दो दिनों में त्रिवेदी से आवास खाली करवाएं। 

कमिश्नर ने स्कूल शिक्षा विभाग के एक सहायक शिक्षक द्वारा आवास आवंटन कराने एवं उसकी सूचना संकुल प्राचार्य को न देने तथा आवास किराया राशि न देने पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि वे सहायक शिक्षक से मकान किराए की राशि शासकीय कोष में जमा कराया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने डीसीआर को निर्देश दिए कि वे संदेहास्पद सभी आवंटितों को नोटिस देकर समय सीमा में जवाब प्राप्त करें। यदि जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाते हैं तो उन सभी आवंटितों से आवास खाली कराएं। उन्होंने आवास आवंटन का कार्य देख रहे सहायक ग्रेड-3 परमार को निर्देश दिए कि वे आवास आवंटन के दौरान आवंटितों की सेवा निवृत्ति की तारीख भी रिकार्ड में रखें। 

समीक्षा के दौरान पाया गया कि लोक निर्माण विभाग की भृत्य कमलेश के आवंटित आवास में कोई अन्य व्यक्ति निवास कर रहा है। कमिश्नर ने उक्त प्रकरण में नियमानुसार सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए।  उन्होंने तहसील कार्यालय में पदस्थ राजकुमार चौहान के द्वारा शाजापुर से अप-डाऊन करने पर उनसे 07 दिवस में आवास खाली कराने के निर्देश संबंधित अधिकारी को दिए। बताया गया कि कृषि विभाग के अशोक शर्मा के आवास में अन्यत्रों द्वारा निवासरत होना पाया गया तथा शिक्षा विभाग के भृत्य  राकेश शर्मा के आवास में हमेशा ताला लगा पाया गया था। कमिश्नर ने उन सभी से 03 दिवस का समय देकर उनसे आवास खाली कराने के निर्देश दिए। 
Kolar News 4 December 2019

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