भोपाल। भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा संसद में नाथूराम गोड़से को देशभक्त कहने पर देशभर में सियासी गलियारों में जमकर हो हल्ला हुआ। मप्र के व्यावरा से कांग्रेस विधायक गोवर्धन दांगी ने तो साध्वी प्रज्ञा को जला देने तक की बात कह डाली थी। लेकिन अब विधायक गोवर्धन दांगी का हृदय परिवर्तन हो गया है और उन्होंने प्रज्ञा ठाकुर को पत्र लिखकर ब्यावरा आने का निमंत्रण दिया। उन्होंने पत्र में लिखा कि वे ब्यावरा आएं हम "ईश्वर अल्लाह तेरो नाम सबको सन्मति दे भगवान" भजन गाते हुए उनका स्वागत करेंगे और उन्हें गांधी साहित्य भेंट करेंगे।
रविवार को कांग्रेस विधायक गोवर्धन दांगी ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को पत्र लिखा है। जो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। अपने पत्र में विधायक दांगी ने लिखा है कि ‘आपने एक बार नहीं कई बार महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोड़से को देशभक्त कहते हुए कहा कि नाथूराम गाड़से देशभक्त है, देशभक्त था और देशभक्त रहेगा। पूरा देश आपके इस घृणित बयान से जब आहत हुआ तो आपने अपने कहे पर माफी मांग ली। दूसरी बार फिर आपने संसद में गोड़से को देशभक्त कहकर अपनी दूषित मानसिकता का ही परिचय दिया है। मेरी पार्टी सहित पूरे देश में जब इस घटिया बयान की निंदा हुई तो आपने अपने बयान पर खेद व्यक्त कर दिया। इसमें आपकी गलती नहीं है आप तो मालेगांव कांड से मशहूर है। साम्प्रदायिकता आपके जेहन में बसती है। इसलिए हिंसा के प्रतिरुप नाथूराम गोडसे रह- रह कर आपकी जुबान पर आ जाता है। लोकलाज और राजनीति की मर्यादा का ध्यान आते ही आप बार- बार माफी मांगने और खेद व्यक्त करने की नोटंकी करने लगती है। गंगा जमनी तहजीब के शहर भोपाल ने आपको लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर संसद भेजा है और आप भोपाल ही नहीं पूरे भारत को दुनिया के सामने शर्मिंदा कराने में आमदा है।
विधायक गोवर्धन दांगी ने साध्वी प्रज्ञा को अपने जिले में आने का निमंत्रण देते हुए आगे अपने पत्र में कहा है कि ‘यदि हकीकत में आप गोडसे के प्रति कहे गए शब्दों पर शर्मिंदा है और दिमाग से गोडसे को निकालकर गांधी दर्शन और विचारधारा स्वीकार करना चाहती है, तो मेरे जिले राजगढ़ के मेरे शहर ब्यावरा में आइए। हम नगरवासी महात्मा गांधी के प्रिय भजन ‘ईश्वर अल्लाह तेरो नाम सब को सनमति दे भगवान’ भजन गाते हुए आपका स्वागत करेंगे। आप हमारे साथ ‘वैष्णव जन तो तेने कहिये जो पीर पराई जाने रै’ जैसे भजन गाईये। हम व्यावरा नगरवासी इस दिन आपको ‘गांधी साहित्य’ भी भेंट करेंगे ताकि आप साम्प्रदायिकता सद्भाव की विचारधारा से ओतप्रोत होकर अपने मन में हिंसक मनोवृत्ति को सदा के लिए निकाल दें।
पत्र में अपने बयान पर माफी मांगते हुए गोवर्धन दांगी ने कहा कि गांधी के विचारों की गूंज का ही मेरे जैसे गांधीवादियों पर प्रभाव है कि जिसने मुझे आपको पत्र लिखने की प्रेरणा दी है। महात्मा गांधी की विचारधारा पर लगातार कुठारघात होते और उन्हें चतुर बनिया जैसे शब्दों का उद्बोधन होते देख में भी आवेश में आ गया। राष्ट्रपिता के हत्यारे को जब देशभक्त जैसे शब्द कहे तो मै आपा खो बैठा। भावावेश में आपका पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन करने की बात कह रहा था कह कुछ और गया। गांधी सच्चा अनुयायी होने के नाते अपनी गलती स्वीकार कर रहा हूं और कहे गए शब्दों के लिए माफी मांग रहा हूं। गांधी विचारधारा में देश की आत्मा बसती है और आगे भी बसती रहेगी। अत: आपसे प्रार्थना है कि आप नाथूराम गोडसे को देशभक्त करने की जगह महात्मा गांधी का हत्यारा कहकर देश को अनुग्रहित करें।