रीवा। शहर में चल रहे निर्माण कार्यों की वजह से प्रदूषण तेजी के साथ बढ़ रहा है। स्थिति यह हो गई है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स कई जगह पर रीवा और दिल्ली का सामांतर है। लगातार आ रहे आंकड़ों के बाद प्रशासन भी हरकत में आ गया है। कुछ दिन पहले ही कलेक्टर ने संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर व्यवस्था बनाने का निर्देश दिया था। इसके बाद गुरुवार को फिर से आदेश जारी किया गया है कि बढ़ते प्रदूषण को रोकने के तत्काल उपाय किए जाएं।
पूर्व में करीब 15 दिन तक शहर में धुंध छाया रहा, उसे मौसम की खराबी बताया गया था, लेकिन अब मौसम खुल चुका है। इसके बाद भी शहर की प्रमुख सड़कों से लोगों का निकलना मुश्किल हो रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उन क्षेत्रों में वायु प्रदूषण को नापा, जहां पर कार्य चल रहे हैं तो प्रदूषण सामान्य से कई गुना अधिक पाया गया है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा गत दिवस शहर में रतहरा से लेकर चोरहटा तक चल रहे सड़क पर कार्यों की वजह से प्रभावित एयर क्वालिटी इंडेक्स की जांच की है। रतहरा, समान तिराहा एवं न्यू बस स्टैंड के सामने चल रहे कार्य, कालेज चौराहे से बजरंग नगर तक चल रहे सीवरेज के कार्य और रेलवे मोड़ के पास निर्माणाधीन रेलवे ओवर ब्रिज के आसपास वायु प्रदूषण जांचा गया, जिसमें पीएम-10 जो रीवा शहर में 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूविक मीटर सामान्य माना है, यह रेलवे मोड़ के पास 500 तक पहुंच गया। यह आंकड़ा दिल्ली के प्रदूषण के बराबर है। इसी तरह अन्य स्थानों में एक्यूआई 300 से लेकर 400 एमजी के बीच रही।
कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने गुरुवार को नगर निगम आयुक्त, पीडब्ल्यूडी सेतु निगम, राष्ट्रीय राजमार्ग और क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी को पत्र लिखकर कहा है कि शहर में ओवरब्रिज एवं सीवरेज के कार्यों की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। यहां तक कि लोगों को सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। संबंधित विभागों के अधिकारियों से कहा गया है कि एक सप्ताह के भीतर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लेने के बाद ही कार्य आगे करने दिया जाएगा। इस तल्खी के बाद भी शहर में प्रदूषण फैलाने वाले निर्माण कार्य लगातार जारी हैं।
इनका कहना है...
रीवा के क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी आरएस परिहार से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया कि शहर के मुख्य मार्ग में रतहरा से चोरहटा के बीच चल रहे निर्माण कार्यों के चलते प्रदूषण बढ़ा है। कुछ जगह पीएम-10 का लेवल 500 तक पहुंचा है। यह चिंताजनक है। कलेक्टर का निर्देश मिला है, निर्माण एजेंसियों को कहा है कि सुरक्षा मानक के अनुरूप व्यवस्था बनाएं, अन्यथा कार्रवाई होगी।