भोपाल। रायसेन जिले से रेस्क्यू करके उपचार के लिए वन विहार लाई गई बाघिन की सेहत में अब सुधार हो रहा है। वन विहार से उसकी मेडिकल रिपोर्ट पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ को भेज दी गई है। इसी बीच सूत्रों का कहना है कि इस बाघिन को जल्द ही सतपुड़ा टाइगर रिजर्व भेजा जा सकता है।
रायसेन जिले के सिरवारा गांव से रेस्क्यू की गई डेढ़ वर्षीय बाघिन अब पूरी तरह तंदुरुस्त हो चुकी है। वन विहार में दो डॉक्टरों की टीम ने उसका मेडिकल किया था, जिसकी रिपोर्ट पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ को भेज दी गई है। वन विहार के असिस्टेंट डायरेक्टर ए.के.जैन ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट के साथ ही पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ को एक लेटर भी भेजा गया है, जिसमें बाघिन की स्थिति का जिक्र करते हुए मार्गदर्शन चाहा गया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि अगले एक सप्ताह में बाघिन को जंगल में छोड़े जाने के संबंध में फैसला हो सकता है।
इसलिए एसटीआर भेजी जा सकती है बाघिन
रायसेन से रेस्क्यू की गई बाघिन की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वह काफी कम उम्र में मां से अलग हो गई थी। इसके चलते वह शिकार में पूरी तरह आत्मनिर्भर नहीं हो सकी है। शिकार न कर पाने के कारण ही जिस समय उसे गांव के समीप स्थित खेतों से रेस्क्यू किया गया, वह काफी कमजोर हो चुकी थी। सूत्रों का कहना है कि ऐसी स्थिति में बाघिन को शुरुआत में जंगल में स्थित ऐसे बाड़ों में रखा जा सकता है, जिनमें शिकार भी उपलब्ध हो, ताकि जंगल में छोड़े जाने से पहले वह शिकार करने में पूरी तरह माहिर हो जाए। सूत्रों के अनुसार भोपाल के समीप इस तरह की सुविधा सिर्फ सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में है, इसलिए बाघिन को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व भेजा जा सकता है।