इंदौर। दिल्ली के प्रदूषण को लेकर देशभर में बहस हो रही है, लेकिन उससे ज्यादा प्रदूषण एकाएक इंदौर में बढ़ गया, जिससे प्रदूषण विभाग के अलावा नगर निगम भी भौंचक है। महापौर ने गुरुवार को सुबह प्रभारी आयुक्त को निर्देश दिए कि 7 दिन तक 24 ही घंटे मलबा, मिट्टी, धूल हटाने का अभियान शुरू किया जाए और आज रात को वे खुद इस अभियान के निरीक्षण के लिए दौरा करेंगी। ज्यादा बारिश के कारण शहर की अधिकांश सडक़ें उखड़ गईं, जिसके कारण गिट्टी, मलबा और धूल दिनभर उड़ती है और ठंड का मौसम शुरू होने के कारण धुंध के रूप में इसकी परत वातावरण में छा जाती है। सडक़ों का पेंचवर्क भी तेज गति से करवाया जा रहा है। हालांकि फंड की कमी के कारण निगम को अधिक ठेकेदार नहीं मिल रहे हैं।
दिल्ली में एक गड्ढा भी हो जाता है तो उस पर पूरा देश न्यूज चैनलों के जरिए बहस करने लगता है, जबकि पानी और वायु प्रदूषण सहित अन्य मामलों में अन्य शहरों की स्थिति भी उससे ज्यादा बदतर है। स्वच्छता के मामले में इंदौर हालांकि तीन बार अव्वल आ चुका है, जिसके कारण मौसमी बीमारियां घटी और प्रदूषण में भी गिरावट आई थी, मगर अभी बीते 4-5 दिनों से एकाएक वायु प्रदूषण बढ़ गया।
दरअसल शहर में प्रमुख चौराहों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदूषण के स्तर की जानकारी देने के लिए डिस्प्ले बोर्ड लगा रखे हैं और आधुनिक मशीन और सेंसर से भी 24 ही घंटे में होने वाले परिवर्तन की जानकारी ली जाती है। डीआईजी आफिस, महू नाका, पोलोग्राउंड, कोठारी मार्केट सहित कई क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार खराब बताया जा रहा है। एकाएक शहर का प्रदूषण इतना कैसे बिगड़ गया इससे सभी भौंचक हैं, क्योंकि विगत वर्षों में प्रदूषण में लगातार गिरावट स्वच्छता अभियान के चलते आई। वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी अब इसकी जांच-पड़ताल में जुटा है।
महापौर मालिनी गौड़ भी चिंतित है और आज सुबह उन्होंने प्रभारी आयुक्त रजनीश कसेरा को निर्देश दिए कि सात दिन तक आज से ही मलबा, मिट्टी, धूल उठाने का अभियान 24 ही घंटे के लिए शुरू किया जाए। रात और दिन लगातार अभियान चलाकर शहरभर में पड़े मलबे को उठाकर ट्रेंचिंग ग्राउंड भिजवाया जाए, जहां पर उसका विधिवत निपटान भी हो। महापौर ने कहा कि आज रात को वे खुद इस अभियान का निरीक्षण भी प्रभारी आयुक्त के साथ करेंगी। वहीं स्वच्छता मिशन का सर्वे भी शुरू होना है और शहर के कई हिस्सों में गंदगी, कचरा पाए जाने के समाचार भी फोटो सहित आ रहे हैं।
दरअसल इस बार बारिश दो गुना से ज्यादा हुई और अभी नवम्बर के पहले हफ्ते तक जारी रही, जिसके चलते शहर की तमाम सडक़ें गड्ढामय हो गई हैं और बारिश के बाद जब मौसम साफ होता है और धूप निकलती है तो उखड़ी सडक़ों की गिट्टी, मिट्टी और धूल वाहनों के कारण दिनभर उड़ती है। इस बार नगर निगम सडक़ों की मरम्मत यानी पेंचवर्क का काम भी इसी कारण नहीं कर पाया, क्योंकि बारिश देर तक होती रही। उसके अलावा एक बड़ी दिक्कत निगम के खजाने के खाली होने की भी है। फंड की कमी के कारण निगम के ठेकेदारों ने हाथ खड़े कर दिए। अभी पेंचवर्क के लिए निगम को बमुश्किल 3-4 ठेकेदार ही मिले हैं।
गौतम गंभीर ने दी इंदौरी मॉडल अपनाने की सलाह
भारत-बांग्लादेश क्रिकेट मैच के दौरान इंदौर के पोहे-जलेबी खाकर देशभर में ट्वीटर से ट्रेंड हुए दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर ने कल पार्लियामेंट्री स्टेंडिंग कमेटी की बैठक में दिल्ली के प्रदूषण से निपटने के लिए इंदौरी मॉडल को अपनाने की बात कही। उल्लेखनीय है कि कुछ समय पूर्व गौतम गंभीर ने दिल्ली में कचरे के जो पहाड़ खड़े हुए हैं उसका निपटान इंदौर की तर्ज पर करने के लिए आयुक्त आशीष सिंह को दिल्ली बुलाया भी था। इंदौर नगर निगम ने ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरे के पहाड़ को पूरी तरह से समाप्त कर वहां खूबसूरत बगीचा विकसित कर दिया है, जिससे गंभीर काफी प्रभावित हुए और दिल्ली खासकर गाजीपुर में कचरे के बड़े-बड़े पहाड़ हैं, जिनका निपटान करने की जिम्मेदारी इंदौर निगम को सौंपी गई है। वहीं अभी पराली और वाहनों के कारण दिल्ली में प्रदूषण एकाएक बढ़ गया है, जिसके चलते पिछली मीटिंग में तो श्री गंभीर पहुंच नहीं पाए थे और इंदौर में पोहे-जलेबी खाते हुए उनका फोटो वायरल हुआ और उसकी काफी आलोचना भी हुई।