उज्जैन। मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में अगहन कृष्ण पक्ष अष्टमी (कालभैरव अष्टमी) के मौके पर मंगलवार को मध्यरात्रि 12 बजे भगवान महाकाल के सेनापति कालभैरव का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। भगवान कालभैरव को विशेष श्रृंगार के बाद विभिन्न पकवानों का छप्पन भोग लगाया गया और विभिन्न प्रकार की मदिराएं अर्पित की। रात 12 बजे 11 हजार लड्डुओं के भोग के साथ आरती हुई। वहीं, बुधवार को तडक़े चार बजे कालभैरव मंदिर से भगवान कालभैरव की सवारी निकाली गई, जो विभिन्न मार्गों से होते हुए नगर भ्रमण के बाद वापस मंदिर पहुंची। इस दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मौजूद रही।
उज्जैन के कालभैरव मंदिर में भैरव अष्टमी पर मंगलवार को सुबह से ही भक्तों की भाड़ उमडऩे लगी थी। यह सिलसिला देर रात तक जारी रहा। वहीं, रात 12 बजे भगवान कालभैरव का जन्मोत्सव मनाया गया। कालभैरव मंदिर में इस दौरान भगवान का अभिषेक-पूजन के बाद सिंधिया राजवंश की ओर से आई पगड़ी पहना कर विशेष श्रृंगार किया गया। मध्यरात्रि को मंदिर में महाआरती हुई और इसके बाद श्रद्धालुओं ने भगवान कालभैरव का छप्पन भोग और मदिरा का भोग लगाया। रात्रि में जन्मोत्सव के बाद भंडारे का आयोजन हुआ। इसके बाद बुधवार को तडक़े चार बजे भगवान कालभैरव पालकी में सवार होकर शाही ठाठ के साथ भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। मंदिर से शुरू हुई उनकी सवारी शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए वापस मंदिर पहुंची, जहां भगवान की महाआरती के बाद जन्मोत्सव का समापन हुआ।